Ranchi : शहर में बने अवैध, अनधिकृत या बिना नक्शे के भवनों पर हो रही कार्रवाई पर सवाल उठाने वाले लोगों पर नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बड़ा पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि पिछले दिनों नगर निगम और रांची जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाकर ऐसे भवनों को चिह्नित कर नोटिस भेजा गया है, जिसका किसी सक्षम पदाधिकारी द्वारा नक्शा पास नहीं किया गया है. हालांकि अभियान के विरोध में भवन मालिक या उससे जुड़े लोग का दावा है कि उनका भवन करीब काफी पुराना (75 या 80 साल) है.
नगर आयुक्त ने ऐसे दावे पर कहा है कि अगर वे कहते हैं कि मकान उस अवधि का है, जब नक्शे की जरूरत नहीं थी, तो उन्हें यह साबित करना होगा. या जो लोग यह कह रहे हैं कि उनका भवन नक्शा बायलॉज 1974 के पहले बनाया गया है, तो उन्हें यह प्रमाण देना होगा कि उनका मकान 1974 से पहले बना है. अन्यथा नोटिस दिये गये ऐसे भवनों को निगम द्वारा तोड़ा जाना तय है. नगर आयुक्त ने यह बात प्रेस वार्ता के दौरान कही.
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पक्ष सुनकर ही आदेश पारित हो रहा
नगर आयुक्त ने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि अगर कोई भवन उस समय बना, जब बिल्डिंग बायलॉज अधिनियम पास नहीं हुआ था, तो वैसे भवन मालिकों का भी पक्ष सुना जा रहा है. उनका पक्ष सुनकर ही कोई आदेश पारित किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान भवन मालिकों को यह दावा पेश करना होगा कि वाकई उनका भवन 70 या 80 साल पुराना है. मुकेश कुमार ने कहा कि रांची में नगर निगम क्षेत्र और आरआरडीए द्वारा अपने क्षेत्राधिकारी क्षेत्र में अवैध मकानों को चिह्नित किया गया है. अवैध रूप से बनाये गये मकानों को नगर निगम के कोर्ट से नोटिस दिया गया है. करीब 200 भवन अवैध पाये गये हैं. इसको तोड़ने का आदेश दिया जा चुका है. बाकी मकानों पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
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अवैध मकान निश्चित रूप से टूटेंगे
नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि उन्होंने यह भी कहा कि कई मकान अवैध बनाये गये थे और वे सब टूटेंगे, यह निश्चित है. ग्रामीण क्षेत्र के 485 घरों को तोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है. साथ ही 15 दिन के बाद सेवा सदन अस्पताल की ओर से नगर निगम को अगर कोई प्रमाण नहीं दिया जाता है, तो उसे तोड़ा जायेगा. नगर आयुक्त ने बताया कि 15 दिन का समय काफी है. इन 15 दिनों के अंदर सक्षम प्राधिकार द्वारा मनोनीत नक्शा दिखाने पर ही तोड़ने की कार्रवाई रोकी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण जो भी होंगे, अगर उनका नक्शा नहीं बना है तो उसे कैंप चलाकर नक्शा पास किया जायेगा, लेकिन जो निर्माण अवैध रूप से है, उसे कानूनी रूप से तोड़ा जायेगा.