Ranchi : नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से की जा रही है. मान्यता है कि माता ब्रह्मचारिणी तपस्या और आचरण की प्रतीक हैं. भक्त अपने मन को माता के चरणों में एकाग्र कर जप-तप करते हैं.राजधानी रांची में कई पंडालों में कलश स्थापना हो चुकी है, जिससे पूरे शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है.हालांकि, कुछ प्रमुख पूजा समितियों में 26 सितम्बर को कलश स्थापना और पट खोले जाएंगे.
कोकर दुर्गा पूजा कमिटी का खास आकर्षण
कोकर दुर्गा पूजा कमिटी का पंडाल इस बार राजस्थान के शाही महलों से प्रेरित है. पंडाल की ऊंचाई लगभग 70 फीट है और अंदर शीश महल जैसी भव्य सजावट देखने को मिलेगी.राजस्थान की झलक को और जीवंत बनाने के लिए ऊंट और स्थानीय लोगों के पुतले भी लगाए जाएंगे.
पंडाल और प्रतिमा का निर्माण बंगाल के कारीगरों द्वारा किया जा रहा है. प्रतिमा की ऊंचाई करीब 15 फीट होगी.समिति ने बताया कि पंडाल निर्माण में करीब 45 लाख रुपये की लागत आ रही है और अगले 2–3 दिनों में यह पूरी तरह तैयार हो जाएगा.
हरमू का पंडाल: वृंदावन प्रेम मंदिर की झलक
वहीं, हरमू का पंडाल इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण रहेगा. लगभग 70 लाख रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह पंडाल वृंदावन स्थित प्रसिद्ध प्रेम मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है. मूर्तियों का निर्माण कोलकाता के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है.
इस पंडाल की खासियत यह होगी कि दुर्गा पूजा के दौरान यहां कृष्ण लीला का आयोजन किया जाएगा, जो भक्तों और दर्शकों के लिए अद्वितीय अनुभव होगा. यहां भी पट 26 सितम्बर को खोले जाएंगे.नवरात्रि की रौनक के साथ राजधानी रांची के पंडाल एक ओर भक्तिभाव का केंद्र बन रहे हैं तो दूसरी ओर कलात्मकता और भव्यता की मिसाल भी पेश कर रहे हैं
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