Ranchi : विश्व आदिवासी दिवस पर आठ और नौ अगस्त को होने वाले झारखंड जनजाति महोत्सव में देश-विदेश से इतिहासकार, साहित्यकार व दर्शनशास्त्री शामिल होंगे. डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान सभागार मोरहाबादी में परिचर्चा होगी. परिचर्चा का विषय- जनजाति इतिहास, जनजाति दर्शन और जनजाति मानव शास्त्र होगा. यह जानकारी शोध संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार ने दी.
बाहर से कुल 22 विशेषज्ञ वक्ता शामिल होंगे
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में विभिन्न विषयों पर कार्य करने वाले विशेषज्ञ शामिल होंगे. इसमें यूनाइटेड किंगडम से डॉ विनीता दामोदरन, नार्वे से डॉ राहुल रंजन, दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ आयशा गौतम, डॉ ब्रजेनियस खाखा, जनजाति विश्वविद्यालय आंधप्रदेश के कुलपति टी कटीमनी, सिक्किम से गास्तो लेपचा, मणिपुर से इमानुएल बरते, दार्जिलिंग-कालीपोंग से दीपक कुमार, छत्तीसगढ़ से देमईत लकड़ा, कर्नाटक से सांता नायक, नॉर्थ ईस्ट से कमल कुमार तांती, गुजरात से साहित्यकार लक्ष्मण गायकावाड़ सहित झारखंड के इतिहासकार, साहित्यकार, दर्शनशास्त्री शामिल होंगे. इसमें झारखंड से बाहर से कुल 22 विशेषज्ञ वक्ता शामिल होंगे. जनजाति मानव शास्त्र विषयक परिचर्चा में 19 देश-विदेश के वक्ता, दर्शनशास्त्र की परिचर्चा में 15 वक्ता और ट्राइबल हिस्ट्री में 10 वक्ता होंगे.
इसे भी पढ़ें- आदिवासी समुदाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ बड़ी उम्मीद से देख रहा- महुआ माजी