Hyderabad: भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में शनिवार से एक और हथियार मिलने जा रहा है. रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप शनिवार को भारत पहुंच रही है. रूस में निर्मित स्पूतनिक 5 वैक्सीन की पहली खेप लेकर विमान मास्को से हैदराबाद के लिए रवाना हो गया है. इसमें 1.5 लाख खुराक लादी गयी है. ये 1.5 लाख खुराक इस महीने आने वाली तीस लाख खुराकों की पहली खेप है.
कोरोना से लड़ने में तीसरी वैक्सीन होगी स्पूतनिक
फिलहाल भारत देश में बन रही दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन के साथ कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है. स्पूतनिक-वी की पहली खेप आने से देश में टीकाकरण की रफ्तार और बढ़ जाएगी. एक रूसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि यानी 1 मई को स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप भारत पहुंच जायेगी. मॉस्को और नयी दिल्ली स्थित राजनयिकों ने बताया कि कोरोना से बचाव की इस वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक ले जाने वाली उड़ान शनिवार की सुबह रूस से रवाना हो गयी है.
भारत में डॉ रेड्डी लैब पहुंचेगी वैक्सीन की खेप
भारत पहुंचते ही इसे वैक्सीन को डॉ रेड्डी की प्रयोगशालाओं को सौंप दिया जायेगा. देश में टीकाकरण के लिए खुराक को उतारे जाने से पहले रूसी वैक्सीन के भारतीय पार्टनर डॉ रेड्डीज लैब केंद्रीय ड्रग प्रयोगशाला, कसौली से अनिवार्य मंजूरी लेंगे. स्पूतनिक वी ह्यूमन एडेनोवायरल वैक्टर पर आधारित तीन वैक्सीनों में से एक है. अन्य दो वैक्सीन फाइजर और मॉडर्ना द्वारा बनायी गयी है. ये कोरोना वायरस बीमारी के खिलाफ 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी हैं. इस वैक्सीन को 12 अप्रैल को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी थी.
कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में रूस की मदद और समर्थन के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया था.