Ranchi : वित्त रहित शिक्षकों ने मंगलवार को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. वित्त रहित मोर्चा के अध्यक्ष मंडल सदस्य अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि सरकार जांच के नाम पर वित्त रहित संस्थाओं को परेशान कर रही है. एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है कि हर माह जांच कराया जाये. शिक्षकों ने अपनी मांग को रखते हुए कहा कि सभी वित्त रहित संस्थानों को अनुदान नहीं अधिग्रहण दिया जाये. 3 वर्ष में एक बार जांच करायी जा चुकी है, जो जांच उपायुक्त द्वारा की गई है. उसके बावजूद छोटे अधिकारियों से बार बार जांच कर हमें प्रताड़ित कर रहे है.
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सरकार ने 3 साल में एक बार जांच की एक्ट बनायी है
मदरसा शिक्षक संघ के मुस्तफा कासमी ने बताया कि सरकार ने 3 साल में एक बार जांच की एक्ट बनायी है. लेकिन डीओ द्वारा हर जिले में जांच की नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है. जांच के नाम पर हमें परेशान किया जा रहा है. हम जांच के खिलाफ नहीं है लेकिन बार-बार अगर हमें जांच ही कराया जायेगा तो वैसे में काम कैसे होगा. गिरिडीह से आये संस्कृत विद्यालय के प्रधानाध्यापक जोधो हजाम ने बताया कि जांच की मांग पर विद्यालय बंद करने की धमकी दी जाती है. सरकार से मांग करते- करते थक गये है. अब समझ नहीं आ रहा कि क्या करें. नियमावली बनाकर हम लोगों को बर्बाद करने का साजिश रच रही सरकार
शिक्षकों की 5 प्रमुख मांगे हैं
1. स्कूल-कॉलेजों की जांच अधिनियम एवं नियमावली के अनुसार किया जाये
2. वित्त रहित स्कूल कॉलेजों का अधिग्रहण किया जाये और तत्काल अनुदान देने की व्यवस्था की जाये.
3. वित्तीय वर्ष 2021- 22 के अनुदान की राशि बचे हुए राज्य सरकार से स्थापना अनुमति प्राप्त एवं स्थाई स्वीकृति प्राप्त उच्च विद्यालयों को अविलंब भेजी जाये.
4. शिक्षा विभाग में प्रस्वीकृति के लिए लंबित स्कूल इंटर कॉलेजों को अविलंब भेजी जाये.
5. जैक बोर्ड का अविलंब गठन किया जाये.
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