Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित “वन नेशन, वन इलेक्शन” (एक देश, एक चुनाव) योजना की कड़ी आलोचना की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया.
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संविधान और लोकतंत्र पर हमला
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” का निर्णय भारत के संघीय ढांचे और संविधान की बुनियादी संरचना पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि इस योजना से भारत गणराज्य की लोकतांत्रिक परिकल्पना खतरे में पड़ जाएगी. जेएमएम प्रवक्ता ने इसे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा की हत्या करार दिया.
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 368 का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी संशोधन संविधान की मूलभूत संरचना को प्रभावित नहीं कर सकता. इस योजना के लागू होने से संविधान के अनुच्छेद 333, जो न्यूनतम विधानसभा और कैबिनेट की संरचना तय करता है का उल्लंघन होगा.
संघीय ढांचे पर खतरा
सुप्रियो ने कहा कि राज्यों की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर “वन नेशन, वन इलेक्शन” से आघात पहुंचेगा. यह योजना क्षेत्रीय दलों को खत्म करने और केंद्र सरकार की सत्ता को मजबूत करने की साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम आरएसएस की विचारधारा को थोपने का प्रयास है, जो 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने की तैयारी कर रहा है.
लोकतंत्र और विपक्ष पर सवाल
जेएमएम ने भाजपा पर लोकतंत्र विरोधी ताकत होने का आरोप लगाया. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक सरकारों को तोड़कर सत्ता हथियाई. उन्होंने पूछा, “क्या यह योजना क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने और देश में तानाशाही स्थापित करने का षड्यंत्र नहीं है?”
मंईयां सम्मान योजना पर अपडेट
सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि “मंईयां सम्मान योजना” की अगली किश्त, जो 2500 रुपये की है, 18 दिसंबर तक लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि फॉर्म में कमियां पाए जाने पर उन्हें खारिज कर दिया जाएगा.
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