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Ranchi : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच रविवार को 25 प्रवासियों को लेकर मुंबई लोकमान्य तिलक स्पेशल ट्रेन रांची आयी. दिन के 1.25 बजे रांची स्टेशन पर उतरे इन सभी यात्रियों की कोरोना जांच की गयी. जांचोपरांत उन्हें प्लेटफॉर्म से बाहर जाने दिया गया.
मुंबई और अन्य शहरों से आने वाले सभी यात्रियों के लिए रांची स्टेशन पर कोरोना जांच की व्यवस्था पहले ही उपलब्ध करा ली गयी थी. लेकिन ट्रेन अपने निर्धारित समय से सवा दो घंटे लेट पहुंची. ट्रेन के रांची स्टेशन पर पहुंचने का समय दिन के 11 बजे निर्धारित था. इस ट्रेन से 186 पैसेंजर आए. रेल अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि रांची में केवल 25 यात्री आए हैं. ट्रेन गोमो और बोकारो स्टेशन पर यात्रियों को उतारते हुए रांची आयी.
लॉकडाउन की आशंका से पलायन
इस ट्रेन से आए यात्रियों ने कहा कि मुंबई में फिर से कोरोना के बढ़ते प्रकोप से वहां लॉकडाउन की स्थिति बन रही है. होटल और अन्य संस्थानों में काम करने वाले लोगों के बीच भय और दहशत का माहौल गहराने लगा है. इसलिए वह अपने घर लौट रहे हैं. हालांकि मोहम्मद जुबेर अहमद जैसे कुछ पैसेंजर ने यह भी कहा कि धारावी जैसे जगह में भी कोरोना का प्रकोप नहीं है. वह केवल छुट्टी बिताने के लिए रांची स्थित अपने घर खलारी आया हैं. इस ट्रेन से इलाहाबाद और मुगलसराय समेत अन्य स्टेशनों के भी कुछ यात्री रांची पहुंचे हैं.
दिन के 1.30 बजे आयी ट्रेन के सभी यात्रियों को प्लेटफॉर्म एक पर ही उतारा गया. इन यात्रियों को बिठाने के लिए कुर्सी की व्यवस्था की गई थी. सामाजिक दूरी के साथ रखी कुर्सियों पर बिठाकर एक-एक व्यक्तियों की जांच की गई. इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. राज्य सरकार की ओर से तैनात मजिस्ट्रेट के निर्देश पर दो जगहों पर जांच की व्यवस्था की गई थी. सैंपल लेने के बाद सभी यात्रियों को स्टेशन से बाहर जाने की इजाज
यात्रियों की आपबीती
उज्जवल कुमार सिंह, कानपुर से आये हैं. उनका कहना है कि वहां असिस्टेंट लोको पायलट की ट्रेनिंग कर रहा हूं. यह ट्रेनिंग इलेक्ट्रिक ट्रेनिंग सेंटर कानपुर में चल रही है. वहां कई लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. जांच में मैं नेगेटिव निकला ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट बंद कर दिया गया मैं रांची में रहता हूं यहां से ऑनलाइन क्लास करूंगा.
इलाहाबाद की पूजा देवी ने कहा कि वहां के मुद्रा मंडी में रहती हूं. मेरा मायका रांची ओरमांझी में है मेरे पापा का देहांत 7 अप्रैल को हो गया है इसलिए यहां आई हूं कोरोना जांच करा चुकी हूं.
मुंबई से लौटे शाहिद खान ने कहा कि मैं सिक्योरिटी का जॉब करता हूं. रमजान को लेकर खलारी आया हूं. तीन साल के बाद छुट्टी बिताने के लिए आया हूं. साकेनाग अंधेरी में रहता हूं. हमारे इलाके में कोरोना का कोई प्रकोप नहीं है. मैं चाल में रहता हूं. बीते साल कोरोना की जांच कराई थी. मुंबई में ट्रेन प्रस्थान करने के समय भी जांच हुई.
मोहम्मद जुबेर अहमद मुंबईके धारावी से आये हैं. उनका कहना है कि, जहां मैं रहता हूं, वहां कोरोना का एक भी केस नहीं है. केवल हल्ला हो रहा है. मैं यशवंतराव चौहान यूनिवर्सिटी से बीकॉम कर रहा हूं. 2 साल बाद गांव जा रहा हूं. मुंबई से प्रस्थान करते समय स्टेशन में जांच के लिए सैंपल दिया है. गिरिडीह जाना है.
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