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अंधविश्वासी परंपराओं का इलाज सिर्फ शिक्षा- हेमंत सोरेन

Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि बाल विवाह, डायन-बिसाही, ओझा-गुणी जैसी अंधविश्वासी परंपराएं समाज के माथे पर कलंक हैं. ऐसी अंधविश्वासी परंपराओं का इलाज सिर्फ शिक्षा है. जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षित होंगे, ये समस्याएं अपने आप खत्म होंगी. मुख्यमंत्री ने बाल पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बातें कही. यूनिसेफ और नवभारत जागृति केंद्र की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सीएम ने बाल पत्रकारों से कहा कि उनके अनुभवों और बातों को सरकार ध्यान में रखेगी और कमियों को दूर करने का प्रयास करेगी. कार्यक्रम में 10 बाल पत्रकारों ने हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री के समक्ष अपने सपनों, आकांक्षाओं एवं चुनौतियों को साझा किया. बाल पत्रकारों ने कोरोना महामारी के दौरान बच्चों में हुई समस्याओं और चुनौतियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. [caption id="attachment_188454" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/11/2-38.jpg"

alt="" width="1280" height="853" /> बाल पत्रकारों से बात करते सीएम हेमंत सोरेन[/caption]

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था में सुधार सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बाल पत्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं बाल अधिकारों के संबंध में सकारात्मक संदेश का प्रचार-प्रसार कर समाज में एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं. हमारी सरकार बच्चों की समस्याओं एवं चिंताओं पर निरंतर नजर बनाए हुए है.विशेषकर झारखंड के बच्चों में  शिक्षा को लेकर, जो महामारी के कारण बाधित हुई है उसकी भरपाई कैसे हो इस निमित्त राज्य सरकार सरकार काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में सभी बच्चों को सुरक्षित एवं सकारात्मक वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है. राज्य सरकार स्कूलों के संचालन हेतु संक्रमण की स्थिति पर नजर रखते हुए चरणबद्ध तरीके से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारंभ करने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि निकट भविष्य में प्राथमिक विद्यालय भी फिर से शुरू होंगे. इसे भी पढ़ें-मुंबई">https://lagatar.in/mumbai-drugs-case-bombay-high-court-bail-order-copy-issued-no-evidence-of-conspiracy-against-aryan/">मुंबई

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आपदा बताकर नहीं आती, हालात के साथ आगे बढ़ने की जरूरत

सीएम ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है, साथ ही बच्चों को पारिवारिक समस्याओं तथा कई अन्य मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ा है. सीएम ने कहा कि देश और दुनिया में ऐसे तो कई महामारी आ चुकी हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण एक ऐसा महामारी है जिसने हर वर्ग अमीर, गरीब किसान,  मजदूर सभी को प्रभावित किया है. इस महामारी ने मनुष्य के जीवन चक्र को ही अस्त-व्यस्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि अभी भी समस्या टला नहीं है, चुनौती सामने है. उन्होंने कहा कि आपदाएं बताकर नहीं आएंगी, बल्कि किसी भी क्षण अचानक आ सकती हैं. उस समय हम सभी को साथ मिलकर हालात को देखते हुए आगे बढ़ना होगा.

बाल पत्रकारों ने सीएम से पूछे सवाल

कार्यक्रम के दौरान बाल पत्रकारों ने सीएम से सवाल भी पूछे. एक बाल पत्रकार ने पूछा कि कोरोना का टीका बच्चों को कब लगेगा. इसपर सीएम ने कहा कि किसी भी वायरस का टीका बनने में वक्त लगता है, लेकिन कोरोना महामारी का टीका देश एवं दुनिया के वैज्ञानिकों ने जल्द बनाने का कार्य कर दिखाया है. उम्मीद है कि निकट भविष्य में बच्चों के लिए भी कोविड-19 का टीका वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया जाएगा. दूसरे बाल पत्रकार ने कहा कि बीआईटी मेसरा मीडिल स्कूल की छत पक्की नहीं है. इसपर सीएम ने कहा कि बहुत जल्द छत का पक्कीकरण कार्य किया जाएगा. एक अन्य बाल पत्रकार ने कहा कि स्कूलों में ऑनलाइन सुविधा पर्याप्त नहीं है, क्या आने वाले समय में अध्ययनरत छात्रों के लिए ऑनलाइन सुविधा मिलेगी. इसपर सीएम ने कहा कि आपदाओं ने हम सभी को बहुत कुछ सिखाया है. शिक्षा के साथ-साथ और कई ऐसी चीजें हैं जो आपदा में प्रभावित हुई हैं. स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को शिक्षण कार्य में बाधा अथवा रुकावट उत्पन्न न हो इस निमित्त राज्य सरकार तत्परता से कार्य कर रही है. इसे भी पढ़ें-शाम">https://lagatar.in/evening-news-diary-20-november-2021/">शाम

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