Satya Sharan Mishra
Ranchi: राजधानी रांची को स्मार्ट बनाने के लिए कोशिशें जारी हैं. कछुए की चाल से परियोजनाएं चल रही है. आलम यह है कि 5 साल में महज तीन परियोजनाएं ही पूरी हो पायी हैं. 656.30 एकड़ जमीन में बनने वाली स्मार्ट सिटी में अबतक 141 करोड़ रुपये की ही योजनाएं पूरी हुई हैं. इन पैसों से राजधानी की हरमू नदी और करमटोली तालाब का जीर्णोद्धार हुआ और अटल वेंडर मार्केट बना है. अभी भी 75 फीसदी से ज्यादा योजनाएं अधर में हैं. सरकार जोरशोर से निवेशकों को स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है. लेकिन कड़ी शर्तों के कारण निवेशक तैयार नहीं हो रहे. कड़ी शर्तों की वजह से ही 51 में से महज 9 प्लॉट्स की नीलामी हो सकी.
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इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर में सिर्फ 51 फीसदी ही हुआ काम
स्मार्ट सिटी में इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट वर्क के तहत लैंड डेवलपमेंट, ट्रांसपोर्टेशन, वाटर सप्लाई, वेस्ट वाटर मैनेजमेंट, स्ट्रीट लाइटिंग और बिजली का काम चल रहा है. अबतक इस दिशा में 51 फीसदी ही काम हो सका है. इन सुविधाओं को बहाल करने के लिए 469.96 करोड़ की राशि में से 48 फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में इन कामों को पूरा करने के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं. इसमें 100 करोड़ केंद्रांश और 100 करोड़ रुपये राज्यांश होगा. गौर करने वाली बात यह है कि जब 469.96 करोड़ रुपये खर्च कर 51 फीसदी काम पूरा किया गया है, तो फिर 200 करोड़ रुपये से 49 फीसदी काम कैसे पूरा होगा. साफ है कि इस वित्तीय वर्ष में भी योजना पूरी नहीं हो पायेगी.
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क्या 1 रुपये में भी आने को तैयार नहीं टॉप यूनिवर्सिटी
स्मार्ट सिटी को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने की प्लानिंग है. कॉरपोरेशन ने घोषणा की है कि टॉप 100 यूनिवर्सिटी में से कोई भी यहां शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करना चाहता है तो उसे 1 रुपये की टोकन मनी पर जमीन मुहैया करायी जायेगी. कई यूनिवर्सिटियों को प्रपोजल भी भेजा गया. लेकिन अबतक किसी यूनिवर्सिटी को फाइनल नहीं किया गया.
ट्रांसमिशन लाइन का 75% काम पूरा
स्मार्ट सिटी के लिए 220/33 केवी के सब स्टेशन और 132 केवी के ट्रांसमिशन लाइन का काम भी अबतक सिर्फ 75 फीसदी ही हो सका है. इस परियोजना की 290.38 करोड़ की राशि में 250 करोड़ जेयूएसएनल को ट्रांसफर किया जा चुका है.
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35 फीसदी ही पूरा हुआ अंडर केबलिंग का काम
स्मार्ट सिटी के एडीबी एरिया में 33/11 केवी के ओवर हेडलाइन के अंडर केबलिंग का काम भी 35 फीसदी ही हुआ है. जेबीवीएनएल इस काम को करवा रहा है.
लैंड डेवलपमेंट और साइट क्लीयरेंस में आ रही अड़चन
स्मार्ट सिटी की राह में सबसे बड़ी अड़चन लैंड डेवलपमेंट और साइट क्लीयरेंस में आ रही है. इस दिशा में अबतक 42 फीसदी ही काम हो सका है. हालांकि एडीबी एरिया के अंतर्गत एनवायरमेंट क्लीयरेंस SEIAA से मिल चुका है.
स्मार्ट सिटी में ये कार्य हैं प्रगति पर
रांची स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अर्बन सिविक टावर और जुपमी का कार्य तेजी से चल रहा है. पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम, स्मार्ट रोड 1, बिरसा स्मृति पार्क फेज-1 और रविंद्र भवन का काम अंतिम चरण में है. 674.57 करोड़ की लागत से ये प्रोजेक्ट पूरे किया जा रहे हैं.
7 एकड़ में बनेंगे मंत्रियों के लिए 12 बंगले
मंत्रियों के बंगले भी स्मार्ट सिटी में बनने हैं. प्रस्तावित बंगले की लागत 2.50 से 2.70 करोड़ रुपये होगी. करीब सात एकड़ में मंत्रियों के लिए 12 बंगले बनाये जाएंगे. परामर्शी कंपनियों ने डीपीआर बनाने के लिए विभाग को प्रजेंटेशन दे दिया है. डीपीआर स्वीकृति के बाद इस दिशा में काम शुरू होगा.
स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बसें चलाने की योजना
स्मार्ट सिटी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण है. स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बसें चलाने की योजना बनायी जा रही है. रांची शहर में बस का परिचालन पीपीपी मोड पर कराये जाने के बारे में विभाग विचार कर रहा है. इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की मुहर के बाद ही काम शुरू होगा.
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