ऑपरेशन सिंदूर बना राष्ट्रप्रेम का प्रतीक, मुजफ्फरपुर में 13 नवजातों को मिला ‘सिंदूर’ नाम

Muzafarpur : भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल सैन्य मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल की, बल्कि आम नागरिकों के दिलों में भी एक गहरी छाप छोड़ी है. इसकी भावनात्मक गूंज अब बिहार के मुजफ्फरपुर तक पहुंच चुकी है, जहां एक अस्पताल में जन्मे 47 नवजातों में से 13 बच्चों को उनके माता-पिता ने ‘सिंदूर’ नाम दिया है. यह नाम सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन की याद नहीं है, बल्कि देशभक्ति, बलिदान और नारी सम्मान का प्रतीक बन गया है. बच्चों के परिजनों का कहना है कि ‘सिंदूर’ नाम उनके बच्चों के जीवन में भारतीय सेना की प्रेरणा और राष्ट्रसेवा के बीज बोयेगा. यह नाम सिर्फ पहचान नहीं, एक संदेश है मुजफ्फरपुर के जाफरपुर निवासी पवन सोनी ने एक न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपने बेटे का नाम ‘सिंदूर’ रखा है. उन्होंने कहा कि “यह केवल नाम नहीं, भारतीय सेना के शौर्य और हमारे विश्वास का प्रतीक है. हम चाहते हैं कि हमारा बेटा भी एक दिन सेना में जाये और देश की सेवा करे. इसी तरह, हिमांशु राज, जो कन्हारा गांव से हैं, ने अपनी नवजात बेटी को ‘सिंदूर’ नाम दिया. उन्होंने कहा कि हम हर साल बेटी का जन्मदिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की याद में मनायेंगे. यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि सेना ने आतंक के खिलाफ इतनी मजबूती से जवाब दिया. सामाजिक भावना से जुड़ा नामकरण मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि यह पहली बार है, जब इतने नवजातों को किसी सैन्य ऑपरेशन के नाम पर एक साथ नाम दिया गया है. यह दिखाता है कि आम जनता विशेषकर छोटे शहरों में भी सेना के प्रति सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव कितना गहरा है.
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