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ऑपरेशन सिंदूर : CDS ने मोदी सरकार को फंसा दिया !

Surjit Singh

 

मोदी सरकार यह कभी नहीं चाहती थी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश को हुए लड़ाकू विमानों के नुकसान के बारे में देश व दुनिया के लोगों को पता चले. दुनिया भर में यह सवाल उठता रहा, लेकिन सरकार इनकार करती रही.

 

कांग्रेस ने जब इस पर सवाल उठाया, तो उसे देशद्रोही व पाकिस्तान परस्त साबित करने की कोशिश की गई. अंग्रेजी दैनिक हिन्दू ने जब खबर प्रकाशित की,  तो स्टोरी लिखने वाले पत्रकार विजेता सिंह को ट्रोल किया गया.  

 

अब चीफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने ब्लूमबर्ग टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह मान लिया है कि लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि विमान क्यों गिरा, बल्कि यह है कि उन्हें क्यों गिराया गया. क्या गलतियां की गईं. यही महत्वपूर्ण है.

 

चीफ ऑफ स्टाफ अनिल चौहान ने गिराये गए भारतीय विमानों की संख्या 6 होने के पाकिस्तानी सेना के दावों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि संख्या महत्वपूर्ण नहीं है. 

 

एक तरह से देखें, सीडीएस के बयान से मोदी सरकार फंस गई है. मोदी सरकार असहज स्थिति में फंस गई है. अब देश में तो इसे लेकर सवाल पूछे ही जाएंगे, पूरी दुनिया भी सवाल उठायेगी.

 

विपक्ष के सवाल भी तेज होंगे. क्योंकि सवाल यह नहीं है कि नुकसान क्यों हुआ, युद्ध में नुकसान तो होते ही है, लेकिन सभी को दिक्कत है छिपाने से. अगर पहले दिन से ही नुकसान की बात स्वीकार कर ली जाती तो यह स्थिति नहीं बनती.

 

दरअसल, पीएम मोदी और भाजपा यह जानते हैं कि पाकिस्तान के साथ टकराव में जो नुकसान भारत व पाकिस्तान को हुआ है, वह ज्यादा दिनों तक छिपेगा नहीं. यही कारण है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश भर में एक शोर मचा रहे है. ताकि सच पर लोगों का ध्यान ना जाए.

 

आज के हालात यह है कि मोदी सरकार लंबे वक्त के बाद चारों तरफ से आलोचना झेलने वाली स्थिति में पहुंच चुकी है. ऑपरेशन सिंदूर, विदेश नीति, सीजफायर तमाम ऐसे मुद्दे सामने आ रहे हैं, जिसकी वजह से केंद्र सरकार असहज होती जा रही है.

 

पहली असहज स्थिति सीजफायर को लेकर बनी थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से पहले सीजफायर की घोषणा कर दी, उसे लेकर मोदी सरकार पर लगातार सवाल उठे.

 

ट्रंप अब तक कुल 9 बार अपनी बात दोहरा चुके हैं. अदालत तक में कहा कि व्यापार की वजह से सीजफायर कराया.

 

दूसरी असहज स्थिति मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया के दूसरे देशों व ताकतों का भारत को समर्थन नहीं है. जबकि चीन, टर्की औऱ कोलंबिया जैसे मजबूत देश पाकिस्तान के पक्ष में साफ तौर पर खड़े दिखे.

 

चीन और अमेरिका खुल कर पाकिस्तान को मदद कर रहे हैं. यह स्थिति तब है जब मोदी सबसे अधिक 150 देशों में जाने वाले प्रधानमंत्री हैं.

 

इन सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी ऑपरेशन सिंदूर में सेना के पराक्रम के श्रेय लेने के लिए सभा व रोड शो कर रहे हैं. वह चुनाव जीतने में लगे हैं.

 

अब तीसरी असहज स्थिति सीडीएस के बयान को लेकर बन गई है. क्योंकि यह बात तो सब जानते हैं कि युद्ध में नुकसान तो होता ही है.

 

लेकिन जब सवाल पूछे जाने के बाद भी विदेश सचिव समेत अन्य महत्वपूर्ण लोगों ने लड़ाकू विमान के नुकसान से इंकार किया,

 

करीब 20 दिनों तक इसे छिपाए रखा और अब सीडीएस ने विदेशी चैनल से बात के दौरान नुकसान की बात की है, तो यह सवाल तो उठेगा ही कि मोदी सरकार पारदर्शिता से काम क्यों नहीं करती.

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