New Delhi : प्रधानमंत्री मोदी ने आज मंगलवार शाम ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश भेजे गये सभी दलों के डेलिगेशन के सासंदों से मुलाकात की. डेलिगेशन में शामिल सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दर्शाने के मकसद से वैश्विक राजधानियों का दौरा किया था.
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi today hosted members of various delegations who went to various countries, at 7, Lok Kalyan Marg. Delegation members talked about their meetings in different nations.
— ANI (@ANI) June 10, 2025
The delegations, consisting of MPs from across party lines,… pic.twitter.com/5kR6cjuoNe
#WATCH | On PM Modi's meeting with members of various MPs delegations, Congress MP Shashi Tharoor says,"...He was certainly very pleasant to all of us. He saw this as an opportunity to thank the delegations for their service, and he was very pleasant and spent more than an hour… pic.twitter.com/3P7At6ncyD
— ANI (@ANI) June 10, 2025
इस मिशन में वर्तमान सांसद, पूर्व सांसद सहित पूर्व राजनयिक शामिल थे. खबरों के अनुसार डेलिगेशन ने एकजुट होकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाइयों को दुनिया के समक्ष रखा.
सभी डेलिगेशन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने अनुभव साझा किये. सभी ने पीएम को फीडबैक दिया. केंद्र सरकार पूर्व में ही इन सात प्रतिनिधिमंडलों के काम की सराहना कर चुकी है. इन डेलिगेशनों ने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया है.
डेलिगेशन से एस जयशंकर ने की थी मुलाकात
पीएम मोदी से पूर्व विदेश मंत्री एस जयशंकर इन प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके थे. एस जयशंकर ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की, जिन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को वैश्विक स्तर पर लेकर रखा.
NDA के चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व भाजपा के दो सांसदों, जदयू के एक और शिवसेना के एक सांसद ने किया. तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्ष के सांसदों ने किया, जिनमें कांग्रेस, डीएमके और एनसीपी(एसपी) के सांसद शामिल थे.
भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जदयू के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया. सभी ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आतंकवाद पर भारत का पक्ष रखा.
महत्वपूर्ण बात यह थी कि प्रतिनिधिमंडल का लक्ष्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देना था. कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ मिलकर विदेशों में भारत के हितों की वकालत की.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद जैसे प्रमुख पूर्व सांसद भी शामिल थे, जिन्होंने अपने अनुभव से सरकार का मजबूत पक्ष संसार के समक्ष रखा.