New Delhi : मणिपुर की जातीय हिंसा के मुद्दे पर संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष पर निशाना साधा. आरोप लगाया कि नियमों की आड़ लेकर वह चर्चा से भाग रहा है. संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, आज सदन की कार्यवाही और कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष का रवैया देखकर ये स्पष्ट हो जाता है कि वो मन बनाकर आये हैं कि सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे.
">https://lagatar.in/category/desh-videsh/"> नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
गोयल ने छत्तीसगढ़ व राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं का जिक्र किया
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा और कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ व राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं का जिक्र करते गोयल ने दावा किया कि शायद इसी परेशानी की वजह से विपक्षी दल चर्चा से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा, जब सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह मणिपुर की घटनाओं पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है, इसके बावजूद कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल सदन नहीं चलने दे रहे हैं. मणिपुर पर हम भी बहुत संवेदनशीलता से चर्चा कराना चाहते हैं. सरकार तैयार है. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल अपने खोट छुपाने के लिए चर्चा से भाग रहे हैं. इससे पहले मणिपुर में करीब दो महीने से जारी जातीय हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान देने और उसके बाद चर्चा कराने की मांग को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. राज्यसभा में सरकार नियम 176 के तहत चर्चा कराने को तैयार हो गयी, लेकिन विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा रहा.
राज्यसभा में सरकार नियम 176 के तहत चर्चा कराने को तैयार हो गयी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद भवन परिसर में संवाददताओं से कहा कि सरकार मणिपुर की स्थिति पर सदन में चर्चा कराने को तैयार है लेकिन राजस्थान जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की ऐसी ही घटनाओं पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, विपक्षी दल मणिपुर की घटना को राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं और इसका राजनीतिकरण करना चाहते हैं. हमने कहा है कि हम इस पर चर्चा कराने को तैयार हैं लेकिन विपक्ष चर्चा कराने से भाग रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कथित घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस पर भी बोलना चाहिए. ठाकुर ने कहा, क्या सोनिया गांधी और विपक्ष दूसरे राज्यों में ऐसी ही घटनाओं पर मूकदर्शक बने रहेंगे और केवल एक राज्य (मणिपुर) के लिए ही आंसू बहाएंगे? जब महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात आती है तब आप दो राज्यों में भेद कैसे कर सकते हैं? आप (विपक्ष) महिलाओं को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
विपक्ष के लिए मणिपुर की घटना जरूरी नहीं है, नियम जरूरी है
भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का एक रवैया बन गया है और वह ये है कि हर सत्र से पहले किसी मुद्दे को उठाना और जब बहस हो तो बहस नहीं होने देना, उससे भागना और फिर आरोप लगाना कि मोदी सरकार बहस नहीं करना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत पीड़ा की बात है कि आज जब राज्यसभा में पीयूष गोयल ने और लोकसभा में प्रह्लाद जोशी ने साफ-साफ कहा था कि हम मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार हैं, तो कांग्रेस और विपक्ष किस नियम के तहत चर्चा हो, इस पर बहस कर रहे हैं. विपक्ष के लिए मणिपुर की घटना जरूरी नहीं है, नियम जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘मणिुपर में जो हुआ वो शर्मनाक है, दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अब स्थिति सामान्य है और मुख्यमंत्री (एन बिरेन सिंह) ने बताया कि एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने की घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. [wpse_comments_template]
Leave a Comment