NewDelhi : लोकसभा में आज गुरुवार को भी कार्यवाही पिछले दिनों की तरह मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के साथ शुरू हुई और कुछ ही मिनट बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी. निचले सदन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और अन्य कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के हालात पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदन में बयान देने और फिर इस विषय पर चर्चा कराने की अपनी मांग पर अड़े रहे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की, सदन की कार्यवाही चलने देने संबंधी अपील का आज भी उन पर कोई असर नहीं हुआ.
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नितिन गडकरी ने निशिकांत दुबे के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये
कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया और सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये. इस दौरान विपक्ष के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे और तख्तियां लहरा रहे थे. लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद कर सदन चलने देने की अपील की. हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि इस तरह से सदन नहीं चल पायेगा. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, इस सदन की श्रेष्ठ और उच्च परंपराएं तथा मर्यादाएं रही हैं. लेकिन आप जिस तरह का व्यवहार और आचरण कर रहे हैं, वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है और आपको शोभा नहीं देता.
सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखें
अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं आपसे फिर से अनुरोध करता हूं कि सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखें. हमें लोगों की भावनाओं और अभिव्यक्ति को सदन में रखना है. उन्होंने सदन में तख्तियां दिखाने पर नाराजगी जताते हुए कहा, आप संबंधित मंत्रियों के सामने तख्ती दिखाते हैं. यह तरीका उचित नहीं है और संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है. पूरा देश यह देख रहा है. बिरला ने कहा कि सदस्य सदन में चर्चा और संवाद करें, वह सभी को पर्याप्त समय और मौका देंगे. उन्होंने कहा, आप इसी तरह का व्यवहार करेंगे तो सदन इस तरह नहीं चल पायेगा. इसके बाद उन्होंने कार्यवाही शुरू होने के करीब पांच से छह मिनट बाद ही बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
काला कपड़ा-काला काम, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान
मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के बाद आज राज्यसभा की कार्यवाही भी एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात कहने का मौका दिया. इसी दौरान सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. वे नारे लगा रहे थे, काला कपड़ा-काला काम, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान. हंगामे के बीच ही खड़गे ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं देखा कि सत्तारूढ़ दल के सदस्य नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने से रोक रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार के इशारे पर हो रहा है. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. सभापति ने दोनों पक्षों से शांत होने की अपील की लेकिन इसका कोई असर नहीं होते देख उन्होंने दोपहर बारह बजकर पांच मिनट पर बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. [wpse_comments_template]
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