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मणिपुर की स्थिति पर चर्चा से मना करने पर विपक्षी सदस्यों का संसदीय समिति की बैठक से walk out

New Delhi : संसद की गृह संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष द्वारा मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग अस्वीकार किये जाने के बाद विपक्षी सदस्य गुरुवार को बैठक से वाकआउट (बहिर्गमन) कर गये. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि कारागार स्थिति, अवसंरचना और सुधार विषय पर विचार के लिए आयोजित गृह संबंधी स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह एवं प्रदीप भट्टाचार्य ने समिति के अध्यक्ष बृजलाल को एक पत्र सौंपा.     ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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मणिपुर की स्थिति को नजरंदाज नहीं किया जा सकता 

पत्र में कहा गया कि सदस्य मणिपुर की स्थिति को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं. बैठक में अध्यक्ष समेत सात सदस्यों ने हिस्सा लिया. पूर्व में भी ओब्रायन और सिंह ने समिति के अध्यक्ष बृजलाल को पत्र लिखकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाने का आग्रह किया था. अध्यक्ष ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए त्वरित बैठक बुलाने में असमर्थता के बारे में दोनों सांसदों को अलग अलग सूचित किया. मणिपुर में तीन मई से शुरू जातीय हिंसा में करीब 120 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 3000 लोग घायल हुए हैं.

गृह संबंधी स्थायी समिति की जुलाई में तीन बैठकें निर्धारित हैं

बैठक के एजेंडे के अनुसार ‘कारागार स्थिति, अवसंरचना और सुधार के विषय पर गृह संबंधी स्थायी समिति की जुलाई में तीन बैठकें निर्धारित हैं. आज की बैठक आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना की राज्य सरकारों के विचार सुनने को लेकर थी. इसके बाद कारागार स्थिति, अवसंरचना और सुधार के विषय पर 19 जुलाई को अगली बैठक निर्धारित है जिसमें असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के विचारों को सुना जायेगा. 27 जुलाई की बैठक में इस विषय पर बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की राज्य सरकारों के विचारों को सुना जायेगा. [wpse_comments_template]

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