कंपनी पर प्रदूषण नियंत्रण नहीं करने का आरोप, बोर्ड ने लिया निर्णय
Ranchi : राज्य के सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा स्थित अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई होगी. कार्रवाई का आदेश झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव वाई.के दास ने दिया है. उन्होंने जमशेदपुर में पदस्थापित बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों को मेसर्स अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. दास ने जिस धारा के तहत कार्रवाई करने को कहा है, वह पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 19 है. झारखंड">https://lagatar.in/category/jharkhand/south-chotanagpur-division/ranchi/">झारखंडकी खबरों के लिए यहां क्लिक करें झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायत मिली थी कि अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड कंपनी द्वारा क्षेत्र में प्रदूषण फैलाया जा रहा है. आसपास गांव के लोग लगातार इसका विरोध करते आ रहे है. कंपनी के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन भी किये, मगर कंपनी ने प्रदूषण रोकने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाई. ग्रामीणों की शिकायत है कि कंपनी से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है. आसपास के गांव के लोग बीमार पड़ रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों की इम्युनिटी पावर कमजोर होती जा रही है. कंपनी के खिलाफ बोर्ड में की गई शिकायत में बताया गया कि ग्रामीण प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. कंपनी से सटे कांड्रा, रघुनाथपुर, रायपुर, करनगिरीगुढ़ा, बड़ामाड़ी, रायमाड़ा, पिंड्रबेड़ा, रापचा के साथ कई पंचायत की बड़ी आबादी प्रदूषण की वजह से बीमार हो रही है. ग्रामीणों की शिकायत है कि कंपनी से निकलने वाला पानी भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. पशु-पक्षी इस दूषित जल को पीकर बीमार पड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, कंपनी का प्रदूषण इतना असरदार है कि खेत खलिहान काले रंग में तब्दील हो रहे हैं. हरी घास काली हो गई है, जिस वजह से मवेशियों को खेतों का हरा चारा तक नसीब नहीं हो रहा है.
कंपनी की क्षमता 1.2 मिलियन टन
अमलगम स्टील प्राइवेट लिमिटेड अत्याधुनिक तकनीक के साथ पेलेट विनिर्माण इकाई है. जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.2 मिलियन टन है. निम्न-श्रेणी के लौह अयस्क के बारीक टुकड़ों का उपयोग करने और उन्हें मूल्य-वर्धित उत्पाद में परिवर्तित करने के लिए प्लांट को बेनिफ़िसिएशन प्लांट द्वारा समर्थित किया जाता है. यह ब्लास्ट फर्नेस और डीआरआई ग्रेड पेलेट दोनों का उत्पादन करता है. यह भारत में सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक है, जो विशाल और गुणवत्ता-केंद्रित ग्राहक आधार को पूरा करती है. कंपनी अपने उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए सालाना लगभग 1.8 से 2.0 मिलियन टन लौह अयस्क फाइन की खपत करती है. प्लांट में रेलवे साइडिंग भी है. यह एक आईएसओ-प्रमाणित कंपनी है और संयंत्र क्षेत्र और उसके आसपास के पर्यावरण के बारे में चिंतित है. इसे भी पढ़ें : विष्णु">https://lagatar.in/vishnu-aggarwal-and-chhavi-ranjan-used-to-talk-through-whatsapp-and-facetime-confidential-documents-were-also-transacted/">विष्णुअग्रवाल व छवि रंजन व्हाट्सप और फेसटाइम के जरिए करते थे बात, गोपनीय दस्तावेजों का भी होता था लेनदेन [wpse_comments_template]
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