Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासिचव सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को देवघर के होटल आई टाउन शिवम में प्रेस वार्ता किया. उन्होंने कहा कि अब अगले 72 घंटे के बाद देवघर समेत संथाल परगना और कोयलांचल के 38 सीटों की वोटिंग भी पूरी हो होगी. क्योंकि 5 बजे तक का समय है, लेकिन जब लाइन लग जाती है, तो डेढ़ घंटा और आगे बढ़ जाता है. लेकिन उसके पूर्व जो 22-23 घंटे ये 22-23 घंटे में खास कर देवघर में जो धर्म भूमि है, यहां पर आकर धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की, आपस में लड़ाने की, कोशिश शुरू हो गई है.
हम सबको जानते है जब बाबा की आरती हो या देवी मां की आरती हो, उसके बाद एक जयकारा होता है. जयकार में कहा जाता है कि धर्म की जय हो और अधर्म का नाश हो, मानवता का भला हो, विश्व का कल्याण हो, धरा का कल्याण हो, हमारा प्यार हम अमर रहे और घृणा का नाश हो, लेकिन घृणा के ऊपर ही जिस दल की घेराबंदी हो कल उसकी पराकाष्टा देखने को मिलेगी. जब आपके इस देव भूमि में महादेव के आंगन में लोग आयेंगे और आने के बाद एक नारा सुनेंगे बटेंगे तो कटेंगे यह शब्द आये कहां से. यह लोगों को उकसाने का शब्द है. इससे सौहार्द नहीं बनता, हमारी विशेषता है, अनेकता में एकता, पूरे देश में हर पांच कोश में भाषा भी बदलती है, खान पान भी बदलता है, रीति रिवाज भी बदलते हैं, लेकिन इतने बदलाव के बाद भी हमारा जो ये महान देश है वह एक है.
हमारा धर्म मानवता का धर्म है
300 साल यहां मुगलों का राज रहा. हिंदू धर्म, सनातन धर्म कभी खतरे में नहीं रहा. 200 साल ब्रिटिश का राज रहा. हमारा धर्म कभी संकट में नहीं आया. क्योंकि हमारा धर्म मानवता का धर्म है. प्यार का धर्म है, लेकिन 2014 के बाद अचानक हिंदू धर्म संकट में आ गया. भाजपा के कारण 2024 से बांग्लादेश का घुसपैठ है. कहा कि 2016 में 8 नवंबर को हमारी माताओं बहनों ने जो पैसे जरुरत के लिए जमा रखे थे मोदी जी उसे निकाल दिये. अब हम पैसे डाल रहें, तो इन्हें परेशानी हो रही है. कहा कि घुसपैठ उनकी पार्टी में ही है झारखंड में कही नहीं है. सुप्रियो ने कहा कि पाकुड, साहेबगंज, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा व दुमका में भाजपा का खाता भी नहीं खुल पायेगा.
भाजपा को महिलाओं के सम्मान से मतलब नहीं है
इनको महिलाओं के सम्मान से मतलब नहीं है, लेकिन आदिवासी अस्मिता की बात करते हैं. मणिपूर में हिसा आज भी जारी है. यह बहुत चिंताजनक है. एक नेता कहता है बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा कहता है कि एक हैं तो सेफ हैं. आपस में इनका अंतरद्वंद्व है. दोनों एक दूसरे के विपरित है. अब पार्टी के अंदर में यह बहस छिड़ गया कि धर्म विशेष का नेता कौन है, दो-दो मुख्यमंत्री में आपस में प्रतिस्पर्धा है. हम जानते हैं कि झारखंड के लोग जो भी बाबा को मानते हैं, जो भी देवी माता को मानते हैं, मारंग गुरू को मानते हैं, वो लोग इनकी साजिश को कभी सफल नहीं होने देंगे. यह हमारा निश्चय है और कल के बाद झारखंड की जो तस्वीर होगी वह एक नई स्वरूप होगी. इनके बांटने वाली तस्वीर नहीं होगी. इनके तोड़ने वाली नहीं होगी और मजबूत होगा.
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