Ranchi : छतीसगढ़ के पूर्व मंत्री सह जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजन गणेश राम भगत का विवादस्पद बयान से आदिवासी समाज में आक्रोश है.सामाजिक संगठन और धार्मिक गुरूओ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्ति किया है. लोगो ने कहा कि पूर्व मंत्री का गणेश राम भगत का डिलिस्टिंग करने की जरूरत है. क्योंकि वह आदिवासी होते हुए भी अपने आप को हिंदू कह रहे है. मालूम हो कि जनजाति सुरक्षा मंच के लोगो ने सरना झंडा पर विवादस्पद बयान दिया था. जिसमें कहा था कि लाल सफेद झंडा आदिवासियों के प्रतिक नही है. इसलिए आदिवासी समाज इस झंडा को लगाना बंद करे. इससे सभी आदिवासी सनातन हिंदू धर्म संस्कृति से जुडे हुए है.इस बयान से आदिवासी समाज में आक्रोश बढ़ गई है.
कांके रोड सरना समिति के अध्यक्ष बबलु मुंडा ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक आदिवासी विरोधी है. वे आदिवासी समाज को तोड़ने में लगा है.ऐसे लोगो का समाजिक बहिष्कार करने की जरूरत है. करोड़ो आदिवासी सरना धर्मावलंबियों के विश्वास पर कुठाराघात किया है. वे सरना आदिवासियों के जागरूकता और संगठित शक्ति को देखकर विचलित हो गये है. राजनीति का लाभ लेने का प्रयास कर रहा है. इसलिए सरना झंडा पर विवादस्पद बयान दे रहे हैं.
केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के शिवा कच्छप ने कहा कि आदिवासियों की एकता तोड़ने की बात हो रही है. पूर्व मंत्री गणेश राम भगत भाजपा से चुनाव का टिकट लेने के लिए विवादस्पद बयान दे रहे है. आदिवासियों को तोड़ो और राज करो जैसे महौल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है. आदिवासी की एकता को छिनभीन करने का प्रयास करेगा. उसको आदिवासी समाज मुंहतोड़ जवाब देगा. ये आदिवासी समाज से भटक चुके हैं.ये लोग सरना समाज से दरकिनार हो गये है.वे पारंपरिक व्यवस्था से भटक गये हैं.इसलिए सरना झंडा पर विवादस्पद बयान दे रहा है. ऐसे लोगों को आदिवासी समाज में वापस लाने के लिए डिलिस्टिंग करना जरूरी है. ताकि सरना समाज के मुख्य धारा से जुड़ सके. धर्म गुरू बंधन तिग्गा ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि गणेश राम भगत के बयान पर आदिवासी समाज में आक्रोश है. आदिवासियोx के पुरखोती झंडा को अपमान करने का प्रयास किया है.इसे कभी बरदास्त नही किया जाएगा.
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