Latehar : अधिकारियों द्वारा नया प्रधान चुनाव संबंधी आदेश निकालने से ग्राम सभा दुंदु, मनिका के लोग काफी आक्रोशित हैं. दुंदु पंचायत सचिवालय में ग्राम प्रधान राजेश्वर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक की गयी और अधिकारियों के पत्र व आदेशों को संदिग्ध करार दिया. कहा गया कि सरकारी पत्रों में किसी संवैधानिक, कानूनी या किसी नियमवाली का उल्लेख नहीं है. जिले से ही दुंदु, चौकिया टोला निवासी अख्तर मियां को नामित कर आदेशित किया गया है कि उसे ही ग्राम प्रधान चुना जाये. जबकि वर्त्तमान में इसी करमाही टोला के संविधान व कानूनों के जानकार ग्राम प्रधान राजेश्वर सिंह कार्यरत हैं. राजेश्वर सिंह की वजह से बिचौलियों और पंचायत प्रतिनिधियों को सरकारी योजनाओं में अवैध वसूली करने में परेशानी हो रही है, इस कारण प्रशासनिक अधिकारियों को मोहरा बनाकर साजिश रची जा रही है. दुंदु गांव में पूर्व से ही दो ग्राम प्रधान हैं, राजेश्वर सिंह और राजेश सिंह. दोनों का टोलावर कार्यक्षेत्र भी बंटा हुआ है. गांव में प्रथागत नियमानुसार उसी परिवार के किसी वरिष्ठ समझदार सदस्य को प्रधानी का भार दिया जाता है जो इस गांव के जेठ रैयत (पहले – पहल गांव में बसने वाला रैयत) है. यहां टोलावर जेठ रैयत भी चिन्हित हैं, जिन्हें परंपरा से सरहुल पूजा के समय सर्वप्रथम सखुआ पत्ती के दोना में प्रसाद स्वरूप गुड़ और फूल दिया जाता है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी, लातेहार के पत्रांक 297, दिनांक 23/06/2023 में अलग नया ग्राम सभा ईकाई बनाने एवं अख्तर अंसारी को ही ग्राम प्रधान नियुक्त करने का उल्लेख है. पहली बात तो यह कि संविधान के अनुच्छेद 243 (ड) के अनुसार सकुंती देवी, उप मुखिया, ग्राम पंचायत दुंदु को ग्राम सभा के मामले में निर्णय लेने का कोई कानूनी या संवैधानिक अधिकार नहीं है. ग्राम सभा में लोगों ने लातेहार डीसी को आपत्ति पत्र सौंप कर इस गैर संवैधानिक प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग रखने का फैसला लिया . कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय भी लिया गया.
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