Amarnath Pathak
Hazaribagh : आमतौर पर राष्ट्रीय त्योहारों में शिक्षण संस्थान में देशभक्ति गीत सुने जाते हैं. लेकिन हजारीबाग शहर से 12 किलोमीटर दूर कटकमदाग अंतर्गत जमुआरी स्थित ग्रीन वैली पब्लिक स्कूल के बच्चों ने अनोखी पहल शुरू की है. यहां के बच्चे इस गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति गीतों के साथ विलुप्त हो रहे लोकगीत भी गाएंगे. लोकगीतों को बचाने की यह नायाब पहल की गई है. यहां पढ़ने वाले बच्चे अब धान लगाने, काटने, शादी ब्याह, विदाई, महुआ चुनने जैसे मौकों पर गाए जाने वाले लोकगीतों का अभ्यास कर रहे हैं. स्कूल के प्रिंसिपल विश्वेन्दु जयपुरियार के मुताबिक लोकगीत झारखंड की संस्कृति का अहम हिस्सा है. उन्होंने बताया कि आज भी लोग पर्व-त्योहार, शादी-ब्याह, विदाई से लेकर अन्य कई मौकों पर लोकगीत गाते हैं. गांव के लोग इन गीतों से आज भी जुड़े हैं. लेकिन नई पीढ़ी इन सब से दूर हो रही है. ऐसे में उन्हें इन गीतों से जोड़े रखने के लिए उन्होंने यह नई और अनोखी पहल की शुरुआत की है. कक्षा प्रथम में पढ़ने वाली सुनैना कुमारी और कक्षा-तीन के सुशांत गंझू ने कहा कि स्कूल से यह लेशन मिलने के बाद उन्होंने अपनी नानी से लोकगीत को सीखा और अब गणतंत्र दिवस के दिन वह इसकी प्रस्तुति देंगे. स्कूल के विद्यार्थी जो लोकगीत गा रहे हैं, उनमें लटर पटर कादो में धान रोपा रोपी रे…, ए झारखंडी भाई…, सुन हमर मीना गे…, हमर बिछल महुआ…, झारखंड के धरती… समेत अन्य कई गीत शामिल हैं. कक्षा-5 की प्रिया कुमारी कहती हैं कि धान लगाने और काटने के दौरान गांव की महिलाओं को वह अलग-अलग गीतों को गाते सुना करती हैं. अब स्कूल में इनकी महत्ता बताये जाने से उसे अपनी इस संस्कृति पर खूब गर्व हो रहा है. उसने कहा कि वह भी स्कूल में अपनी प्रस्तुति दे रही है और इसके लिए उसने तैयारी कर ली है.
ग्रीन पब्लिक स्कूल के बच्चे कुछ-न-कुछ अनोखा कार्य कर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल के बच्चे हाजिरी के वक्त जय हिंद बोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे.
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