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पहली सोमवारी को लेकर पहाड़ी मंदिर समिति व जिला प्रशासन ने कसी कमर

Ranchi :  सावन महीने की पहली सोमवारी 14 जुलाई को पड़ रही है. इसको लेकर रांची में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. अनुमान है कि 13 जुलाई से ही हजारों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए रांची पहुंचने लगेंगे. इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने व्यापक तैयारियां की हैं.

 

शहर के प्रमुख शिवालयों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है. पीसीआर वाहनों को मंदिर परिसरों के आसपास सतर्क निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. पहाड़ी मंदिर के ब्रांच रोड को बैरिकेडिंग कर आवागमन नियंत्रित किया गया है.

 

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श्रद्धालुओं के हाथों में होगा प्रसाद और पवित्र जल


पहली सोमवारी को श्रद्धालु पारंपरिक भगवा वस्त्र धारण करेंगे. उनके हाथों में पवित्र जल, नारियल, बादाम, इलायची दाना, बेलपत्र, चुनरी और अन्य प्रसाद सामग्री होगी, जिसे लेकर वे पहाड़ी मंदिर में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचेंगे. मंदिर परिसर में फूल, माला और बेलपत्र की दुकानें भी सज चुकी हैं.श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर में महिला और पुरुष पुलिस बल की भारी संख्या में तैनाती की गई है, जिससे दर्शन व्यवस्थित ढंग से हो सके.

 

सुरेश्वर धाम को दिया गया नया स्वरूप


सावन की पहली सोमवारी की शुरुआत रविवार 13 जुलाई से ही हो जाएगी, क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक दिन पहले ही रांची पहुंचने लगते हैं. सुरेश्वर धाम मंदिर में इस अवसर के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. मंदिर के उपाध्यक्ष कृष्णा साहू ने बताया कि मंदिर को साज-सज्जा से पूरी तरह सजाया गया है. मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूल मालाओं से सजाया गया है. पूजा का संचालन मुख्य पुजारी सदानंद पांडेय द्वारा किया जाएगा.

 

पहाड़ी मंदिर में स्वागत हेतु भव्य पंडाल की व्यवस्था


पहाड़ी मंदिर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 400 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं. मंदिर के मुख्य द्वार पर विकास समिति और जिला प्रशासन द्वारा भव्य स्वागत पंडाल बनाया गया है. यहां से श्रद्धालुओं पर निगरानी रखी जाएगी और उन्हें आवश्यक निर्देश भी दिए जाएंगे.भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए कई सामाजिक संगठनों के स्वयंसेवक भी उपस्थित रहेंगे. पूजा का संचालन पुजारी ओमकार नाथ मिश्र, पिंटू पांडेय उर्फ कबीर, सुरेश पाहन और मनोज बाबा द्वारा किया जाएगा.

 

नागवंशी राजाओं द्वारा स्थापित मंदिर को दिया जा रहा नया स्वरूप

रांची स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर, जिसकी स्थापना 400 ईसा पूर्व नागवंशी राजाओं ने की थी, को भी भव्य रूप दिया जा रहा है. मंदिर में भगवान शिव, नंदी, भगवान राम और हनुमान जी की प्रतिमाएं हैं.पुजारी काशीनाथ पांडेय ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. इस मंदिर से सटी स्वर्णरेखा नदी में भी एक प्राचीन शिवलिंग नागवंशी काल का स्थापित है, जो इन दिनों नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण दिखाई नहीं दे रहा. नदी के किनारे स्थित इस मंदिर में श्रद्धालु आसानी से जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मन्नतें अवश्य पूर्ण होती हैं.

 

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