Peshawar : पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई, सिख और पारसी समुदाय के लोग डर के माहौल में जी रहे हैं. हकीम सरदार सतनाम सिंह की हत्या ने उनका डर और बढ़ा दिया है. खबर है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने पाकिस्तान के पेशावर में गुरुवार को बहुचर्चित सिख हकीम सरदार सतनाम सिंह (खालसा) की हत्या की जिम्मेदारी ली है. जान लें कि आईएसकेपी के आतंकियों ने चार गोलियां मारकर सिख हकीम सतनाम की उनके क्लिनिक के अंदर हत्या कर दी थी. गोली मारने के बाद हमलावर वहां से फरार हो गये थे.
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सतनाम सिंह को लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार आईएसकेपी ने सतनाम सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली है. सतनाम सिंह फकीराबाद इलाके में रहते थे. पुलिस ने बताया कि 45 वर्षीय हकीम सरदार सतनाम सिंह (खालसा) अपने क्लीनिक पर थे तभी हमलावर उनके केबिन में घुस गये और फायरिंग की. पुलिस के अनुसार सिंह को चार गोलियां लगीं उनकी मौके पर मौत हो गयी. हालांकि एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार सतनाम सिंह को घायलावस्था में खैबर पख्तूनखवा प्रांत की राजधानी के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गयी. पुलिस के अनुसार सिंह एक दिन पहले ही हासन अब्दाल से पेशावर आये थे.
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पेशावर में 15,000 सिख रहते हैं
पेशावर में करीब 15,000 सिख रहते हैं जिनमें अधिकतर व्यवसाय करते हैं. कुछ फार्मेसी चलाते हैं. खबर है कि पेशावर में सिख समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्य सतनाम सिंह चरसद्दा रोड पर क्लीनिक चलाते थे.
फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान पर करारा हमला किया
पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई, सिख और पारसी समुदाय के लोग डर के माहौल में जी रहे हैं. इस मुद्दे पर हाल ही में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के दौरान भारत की ओर से फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान पर करारा हमला किया था. जान लें कि इमरान के भारत पर आरोपों के जवाब में स्नेहा ने कहा था कि आज पाकिस्तान के अल्पसंख्यक सिख, हिंदू और क्रिश्चियन लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद के जरिए अपने अधिकारों को कुचला जा रहा है. असहमति की आवाज को रोज दबाया जा रहा है. लोगों को गायब किया जा रहा है, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग वहां सामान्य है.