Pakur : जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ.चंदन ने शुक्रवार को सूचना भवन में हिजला मेला के लिए प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. प्रचार रथ में पाकुड़ जिला के तीर्थ स्थल, ऐतिहासिक धरोहर, पर्यटन स्थल, पेंटिंग व महापुरुषों की प्रतिमाएं शामिल हैं.
डीपीआरओ डॉ.चंदन ने बताया कि 3 फरवरी सन 1890 ई. को तत्कालीन अंग्रेज जिलाधिकारी जॉन राबर्टस कास्टेयर्स के समय हिजला मेला की शुरुआत की गई थी. ऐसा माना जाता है कि स्थानीय परंपरा, रीति-रिवाज और सामाजिक नियमन को समझने व स्थानीय लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से मेला की शुरुआत की गई. झारखण्ड सरकार ने इस मेला को वर्ष 2008 से एक महोत्सव के रुप में मनाने का निर्णय लिया और 2015 में इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्रदान किया गया. यह मेला राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव के नाम से जाना जाता है. यह मेला त्रिकूट पर्वत से निकलने वाली मयूराक्षी नदी व पर्वत पठार के बीच में लगता है.
मौके पर जिला जनसंपर्क कार्यालय से राजेश कुमार इकाई लिपिक, भूषण कुमार कंप्यूटर ऑपरेटर, जिला भविष्य निधि कार्यालय से राकेश कुमार, जनसंपर्क कार्यालय के प्रीतम कुमार, मनोज हाजरा सहित अन्य उपस्थित थे.
यह भी पढ़ें : पाकुड़ : पांच दिवसीय उद्यान प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन