Pakur : महेशपुर प्रखंड के अमला दही गांव के ग्रामीणों ने क्रशर प्लांट में लोडिंग की मांग को लेकर सड़क को घंटो जाम कर दिया. जिसके बाद महेशपुर थाना प्रभारी की पहल पर क्रशर प्लांट मालिक सुमित्रो घोष और रवि कुमार व ग्रामीणों के बीच समझौते के लिए एक बैठक आयोजित की गई. लेकिन बैठक में कुसुमडांगा गांव के लोग और ग्राम प्रधान नहीं पहुंचे. जिसके कारण बैठक टाल दी गई. महेशपुर थाना प्रभारी ने बताया कि रविवार को एक बार फिर बैठक आयोजित की जाएगी.
अमलादही और कुसुमडांगा गांव के बीच है तकरार
अमलादही गांव में पाकुड़-महेशपुर सड़क के समीप दो क्रशर प्लांट चलते हैं. कुसुम डांगा और अमला दही के ग्रामीणों ने क्रशर और माइंस उत्खनन के लिए जमीन दी है. बीते 4 माह से क्रशर प्लांट का काम जारी हैं. लेकिन कुसुम डांगा के ग्रामीण अमला दही के लोगों को खदान और क्रशर में लोडिंग का काम करने नहीं देते. जिसे लेकर पहले भी अमलादही के ग्रामीण सड़क जाम कर चुके हैं. 8 सितंबर को भी अमलादही के लोगों ने सड़क जाम किया. जिसके बाद बैठक आयोजित की गई. लेकिन बैठक में कुसुमडांगा के लोग नहीं पहुंचे. और विवाद ज़ारी रहा. अमलादही आदिम जनजाति पहाड़िया बुहल गांव है.
गुस्से में अमलादही के लोग
बैठक में कुसुमडांगा के लोगों के नहीं पहुंचने पर अमलादही के ग्रामीणों नाराज़गी जाहिर की. अमलादही के रहने वाले नारायण पहाड़िया और राजू पहाड़िया ने कहा कि अगर अमलादही के ग्रामीणों के साथ न्याय नहीं हुआ तो प्लांट को बंद करा दिया जाएगा. ग्रामीणों की जमीन पर प्लांट चलाकर प्लांट मालिक करोड़ो का कारोबार कर रहे हैं. लेकिन जिनकी जमीन पर प्लांट लगा है. उन्हें ही रोज़गार से बेदखल किया जा रहा है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
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