Palamu : विश्रामपुर प्रखंड के राजखाड़ गांव में सोमवार की शाम एक बेहद मार्मिक और चिंताजनक दृश्य देखने को मिला, जिसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासनिक दावों की पोल खोल कर रख दी है. यहां पुल नहीं होने के कारण गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर नदी पार कराना पड़ा. नदी पार करने के बाद अस्पताल पहुंचने के लिए भी उन्हें एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली.
पुल नहीं होने पर खाट पर लिटाकर नदी पार कराई
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजखाड़ गांव में गर्भवती महिला चंपा देवी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. लेकिन गांव से सटी धुरिया नदी बारिश के कारण उफान पर थी. नदी पार करने के लिए पुल या अन्य कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने महिला को खाट पर लिटाकर नदी पार कराया गया.
नदी पार करने के बाद एंबुलेंस सेवा भी नहीं मिली
गर्भवती महिला को ले जाते समय पानी लोगों की गर्दन तक पहुंच गया था, बावजूद इसके ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं हारी और जान जोखिम में डालकर महिला को पार कराई. ग्रामीणों का आरोप है कि नदी पार करने के बाद भी उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई मदद नहीं मिली. लोगों का कहना है कि एंबुलेंस सेवा के लिए कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद गांव के लोगों ने चंदा जुटाकर किसी तरह महिला को अस्पताल पहुंचाया.
तीन महीने तक बाधित रहता है आवागमन
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात में धुरिया नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. जिसकी वजह से तीन महीने तक आवागमन पूरी तरह बाधित होता है. पूरा गांव बाकी इलाकों से कट जाता है. जरूरी कार्यों के लिए लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है.
सिविल सर्जन से नहीं हो सका संपर्क
इस संबंध में जानकारी लेने के लिए जब पलामू के सिविल सर्जन अनिल कुमार श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला.
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