Palamu : छतरपुर थाना क्षेत्र के मसिहानी गांव में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. छतरपुर अनुमंडल अस्पताल में घायलों का इलाज किया गया गंभीर रूप से घायल तीन युवकों को एमएमसीएच भेज दिया गया है, जहां इलाज के बाद भी उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इस घटना के बारे में छतरपुर थानाक्षेत्र के मसिहानी गांव के परमेश्वर उरांव के पुत्र उपेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार की शाम करीब 5:30 बजे गांव के ही बिट्टू सिंह उसके घर पर आकर रूम किराये पर मांगने लगा. आरोप लगाया कि वह रूम लेकर उसमें लड़कियों को रखकर ऐय्याशी करना चाहता था. उपेंद्र उरांव के अनुसार जब उसने कमरा देने से जब इन्कार किया तो बिट्टू सिंह और उसके साथ आये युवकों ने उस पर हमला कर दिया,
छतरपुर थाना की पुलिस घटना से संबंधित मामले की छानबीन में जुटी
मनीष उरांव और प्रकाश कुमार चंद्रवंशी और उसको लाठी डंडे से पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. छतरपुर थाना की पुलिस घटना से संबंधित मामले की छानबीन में जुट गई है. हालांकि इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. पुलिस का कहना है कि किसी भी पीड़ित पक्ष की ओर से उन्हें कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है . प्राप्त जानकारी के मुताबिक दोनों गुटों के बीच जमकर लाठी डंडा और लोहे के रॉड चले हैं.. अपने गांव के युवकों के साथ मारपीट होती देख उरांव टोला से कई लोग वहां आ गये और उनसे भिड़ गये. बाद में मारपीट में घायल हुए उपेंद्र, मनीष और बादल को लेकर उसके टोला के लोग अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे. इसी बीच फिर हमलावर वहां आ धमके और लोहे के रॉड से अस्पताल में मौजूद उरांव टोला के लड़कों को मारने लगे. इसके बाद अस्पताल के कर्मियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी.
छतरपुर बाइपास नशे का अड्डा बन गया है
अवर निरीक्षक निखिल कुमार ने अस्पताल आकर मामला शांत कराते हुए सभी घायलों का इलाज कराया. घायलों में उरांव टोला के तीन लड़कों के अलावा दूसरे पक्ष के ओम कुमार सिंह, नीरज कुमार सहित एक अन्य युवक शामिल था, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए एमएमसीएच मेदनीनगर रेफर कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि छतरपुर बाइपास नशे का अड्डा बन गया है. शाम ढलते ही यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लग जाता है . करीब करीब सभी लाइन होटलों में अवैध शराब से लेकर चरस, गांजा और अफीम तक बिकते है. इन होटलों या इनके आसपास युवकों का जमावड़ा लगता है. बालू माफिया से लेकर ऐय्याशी करने वाले युवकों तक की यहां मौजूदगी होती है. हफ्ता दो हफ्ता में इस इलाके में कोई न कोई कांड जरूर होता है. इसके बावजूद भी छतरपुर पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है.