4 साल से लाइसेंस मुक्त कराने के लिए कार्यालयों का चक्कर काट रहे थे. दुकान का निलंबन वापस नहीं होने की वजह से बासुदेव सिंह तनावग्रस्त हो गए और अंत में उनकी मौत हो गई. इसे भी पढ़ें-सरकारी">https://lagatar.in/question-on-government-system-two-divisions-have-been-circling-office-for-4-months-for-pds-license/7924/">सरकारी
व्यवस्था पर सवाल: पीडीएस लाइसेंस के लिए 4 महीने से दफ्तर के चक्कर लगा रहे दो दिव्यांग
4 साल से निलंबित है पीडीएस दुकान का लाइसेंस
मृतक बलदेव सिंह के पुत्रों विश्वनाथ सिंह और कर्म सिंह विभागीय पदाधिकारियों पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जनवितरण दुकान का लाइसेंस निलंबनमुक्त कराने के लिए उनके पिता ने कई पदाधिकारियों के दरवाजे खटखटाये पर उनकी बात किसी ने नहीं सुनी. इसे भी पढ़ें-छह">https://lagatar.in/in-six-years-debt-on-fci-increased-to-more-than-3-lakh-crores-set-to-sell/10527/">छहसाल में FCI पर कर्ज बढ़ कर हुआ 3.5 लाख करोड़, बिकना तय!

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