Palamu: जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के पतरा खुर्द पंचायत में मनरेगा योजना को सिर्फ कागजों में ही पूरा किया गया. कोरोना काल में जब राज्य लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करानी की तैयारी में थी. उसी दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद,मुखिया पतरा खुर्द सहित मनरेगा कर्मी कागज पर योजना पूरी कर सरकारी राशि के गबन में लगे थे. सभी कागज पर ही काम पूरा दिखाकर काम से अधिक योजना मद की राशि का निकासी में लगे थे. जिसकी शिकायत झारखंड नारेगा वॉच की ओर से मनरेगा आयुक्त को की गयी थी.
इस मामले की जांच में BDO, मुखिया,बीपीओ,कनीय अभियंता, पंचायत सचिव और रोजगार सेवक दोषी पाये गये. इन सभी दोषी अधिकारियों, मुखिया और मनरेगाकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई हुई है. जिसके तहत विभाग सभी दोषियों से 9 लाख 33 हजार 82 रूपया, 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूलेगा. इसके अलावा सभी दोषियों अनियिमितता के मामले में प्रत्येक योजना के लिए एक-एक हजार अर्थदंड भी लगाया गया है.
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हसैनाबाद प्रखंड के पतरा खुर्द पंचायत में हुई थी अनियमितता
विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद प्रखंड के पतरा खुर्द पंचायत में मनरेगा योजना के तहत मिटटी मोरम सड़क निर्माण की योजना स्वीकृत की गयी थी. जिसे कागजों पर बिना काम हुए ही पूरा दिखा गया था. शिकायत के बाद उप विकास आयुक्त पलामू की ओर से गठित जांच दाल ने पतरा खुर्द पंचायत के पांच योजना को कागजों पर पाया. जांच दल के निष्कर्ष के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद,प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी हुसैना बाद,कनीय अभियंता,पतरा खुद पंचायत के मुखिया,पंचायत सचिव और रोजगार सेवक दोषी पाये गये. इनलोगों पर मनरेगा योजना में अनियमितता बरते जाने के सक्ष्य सामने आये. साथ ही तकनीकी मूल्यांकन में भी योजना मद की राशि की अधिक निकासी का भी मामला सामने आया.
किस योजना में दोषी पाये गये हुसैनाबाद BDO,BPO मुखिया और मनरेगा कर्मी
1. पतरा खुर्द पंचायत में जनेश्वर मेहता के खेत से लेकर पतरा कला सिवान तक मिटटी मोरम पथ निर्माण की योजना स्वीकृत की गयी थी. जिसे कागजों पर पूरा दिखाया गया. इस योजना में प्रखंड विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद से एक लाख 2 हजार 977 रूपया का वसूली के विभागीय निर्देश दिये गये हैं. इस योजना मद की कुल 5 लाख 66 हजार 374 रूपया की वूसली विभाग दोषियों से करेगा.
2. प्रखंड के पतरा खुर्द पंचायत में प्रवेश मेहता के खेत से समुद्री देवी के खेत तक मिटटी मोरम पथ निर्माण में काम से अधिक योजना मद की राशि का निकासी की गयी थी. इसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी पर 17 हजार 544 रूपया वसूली का निर्देश दिया गया है. साथ ही अर्थदंड के रूप में एक हजार देना होगा. काम से अधिक निकाली गयी राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ कुल 96 हजार 490 वसूली सभी दोषियों से किये जाने का निर्देश दिया गया है.
3.पतरा खुर्द पंचायत में सरकारी तालाब से लेकर धधवा तक मिटटी मोरम पथ निर्माण में भी अनियमिता बरती गई. जांच में प्रखंड विकास पदाधिकारी,मुखिया सहित अन्य मनरेगा कर्मी दोषी पाये गये. वहीं ग्रामीणों के अनुसार, जांच की जानकारी अधिकारियों को होने के बाद भी योजना में फर्जी तरीके से काम किया गया.
जिसमें फर्जी मस्टर रोल निकाल कर मजदूरों को भुगतान दिखाया गया. देाषी पाये जाने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद से 9125 रूपया वसूली का आदेश दिया गया.जबकि अन्य दोषी लोगों से भी 50 हजार 192 रूपये विभाग वसूलेगा.
4. पतरा खुर्द पंचायत के मुखरजिया देवी के खेद से कंचनपुर सिवान तक मोरम मिटटी पथ निर्माण में भी भारी अनियमितता का मामला जांच के बाद सामने आया. योजना मद का 73 हजार 242 रूपये का वसूली का आदेश दिया गया है. जिसकी निकासी कागज पर काम दिखाकर की गयी.
5.पतरा खुर्द पंचायत के दिनेश मेहता के खेत से लेकर नदिपाई महुआ तक मिटटी मोरम पथ का निमार्ण के जांच में भी प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित मुखिया और मनेरगा कर्मी दोषी पाये गये. दोषियों से 1 लाख 46 हजार 784 रूपये की वसूली का निर्देश दिया गया है.
क्या कहते हैं झारखंड नरेगा वॉच के संयोजक जेम्स हेरेंज
इस बारे में नरेगा वॉच के संयोजक जेम्स हेरेंज ने बताया कि पलामू के हुसैनाबाद के पतरा खुर्द पंचायत में 12 मनरेगा योजनाओं में फर्जी मस्टर रोल तैयार की गयी. इन योजनाओं में सरकारी राशि गबन कर ली गयी और इन योजनाओं में से 6 योजनाएं अमल में लायी ही नहीं गयी.
हेरेंज ने कहा कि, मैंने जब इसकी जांच की तो पाया कि जिस राशि की निकासी हुई, वो वास्तविक काम से कई गुना अधिक है. कार्रवाई के लिए आवेदन महात्मा गांधी मनरेगा कानून 2005 अनुसूची 1 की धारा 29 के तहत पलामू के उप विकास आयुक्त सह जिला कार्यक्रम समन्वयक को लिखा है.
संयोजक जेम्स हेरेंज के मुताबिक, पलामू की पतरा खुर्द पंचायत में मनरेगा के तहत खेत में सिचाई कूप निर्माण, मिट्टी मोरम पथ निर्माण, चबुतरा निर्माण होना था. इस योजनाओं में श्रमिकों के लिए 8.7 लाख और मैटेरियल के लिए 4.5 लाख रुपये की निकासी हुई है. कहा कि इस तरह के मामले झारखंड के सभी जिलों में चल रहे हैं. जहां मनरेगा योजना को लूट का केन्द्र बना दिया गया है.
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