- स्कूल बस हादसे से नहीं ली सीख,
Palamu : ग्रेटर एसएलए पब्लिक स्कूल, शाहपुर के एलकेजी छात्र विनीत यादव की स्कूल बस से कुचलकर दर्दनाक मौत होने के बाद भी शहर के स्कूल प्रबंधनों ने सबक नहीं लिया है. अभी भी कई स्कूल बसें बिना खलासी के सड़कों पर सरपट दौड़ रही है. लगातार डॉट इन के संवाददाता ने बुधवार को मेदिनीनगर के विभिन्न स्कूल बसों और वैनों की पड़ताल की, जिसमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर लापरवाही उजागर हुई है.
जांच में पाया गया कि कई स्कूल वाहनों में ड्राइवर के अलावा कोई खलासी या सहयोगी मौजूद नहीं है. नतीजतन छोटे-छोटे बच्चे खुद सड़क पार करते हैं. बच्चों को मुख्य सड़कों को भी पार करना होता है, जहां लगातार वाहनों की आवाजाही रहती है. जिन तीन स्कूलों में कोई खलासी नहीं है, उनमें संत मरियम और ओरिएंट पब्लिक स्कूल सीबीएसई से संबद्ध (एफिलेटेड) है.
केस 1 : बुधवार को संत मरियम स्कूल की बस से जब बच्चे उतरे, तो खलासी मौजूद नहीं था. बच्चों ने बताया कि वे खुद ही पांकी-मेदिनीनगर मुख्य पथ पर सड़क पार करते हैं.
केस 2 : इसी तरह ग्रीन वैली इंटरनेशनल स्कूल की वैन में केवल चालक ही बच्चों को गंतव्य तक पहुंचाता है. वैन न तो पीले रंग में स्कूल वाहन के रूप में चिन्हित थी, न ही उसमें सुरक्षा ग्रिल का प्रयोग किया गया था, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है.
केस 3 : पोखराहा स्थित ओरिएंट पब्लिक स्कूल की मिनी बस में तो छात्र ठुसे हुए थे. उन्हें उतारने के लिए भी कोई खलासी मौजूद नहीं था.
वहीं सेक्रेड हार्ट स्कूल, हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल, रोटरी स्कूल, जीजीपीएस, डीएवी और ऑक्सफोर्ड स्कूल के वाहनों की भी पड़ताल की गई. इन स्कूली बसों में खलासी मौजूद थे.
जानकार बताते हैं कि मेदिनीनगर के कई निजी स्कूल सीबीएसई समेत अन्य बोर्ड से संबद्ध हैं और फीस के रूप में बड़ी रकम वसूलते हैं. फिर भी वे सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर रहे हैं. कई स्कूल अनुभवहीन और बिना वैध लाइसेंस वाले चालकों को नियुक्त करते हैं और खलासी रखने की जरूरत नहीं समझते.
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