Medininagar : जीएलए कॉलेज, मेदिनीनगर में एनएसएस इकाई की ओर से बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में मानवाधिकारों के महत्व, व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता और मानव गरिमा की रक्षा जैसे मूल मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई. मुख्य वक्ता डॉ लीना कुमारी ने कहा कि मानवाधिकार प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है और इसके संरक्षण के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना चाहिए.
विशिष्ट अतिथि हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. विभा शंकर ने कहा कि मानवाधिकार दिवस पर सहसा ही डॉ मदन मोहन मालवीय जी के प्रिय श्लोक का स्मरण हो जाता है. इसमें कहा गया है कि न मुझे स्वर्ग की कामना है न तो पुनर्जन्म की कामना है, न ही मुक्ति की कामना है बल्कि दुख से संतप्त जन की पीड़ा का नाश करने की कामना है. हमें स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होना चाहिए, अपितु दूसरे के अधिकारों के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए.
एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मानवाधिकार के पहलु पर प्रकाश डालते हुए सभी को मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील होने की सीख दी. कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मानवाधिकारों के मूल्यों को भारतीय लोकतंत्र की जड़ में रोपित किया. कार्यक्रम में हिंदी के गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट्स रंजन कुमार यादव, सिमरन कुमारी, नसीम प्रवीण पप्पू कुमार, धीरज कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.
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