Palamu : जिले में नई शराब दुकानों के शुरू होने से पहले ही विरोध के सुर तेज हो गए हैं. खासकर हरिहरगंज प्रखंड के पथरा गांव और शहर के बेलवाटिका चौक पर स्थानीय लोगों ने शराब दुकान खोले जाने का कड़ा विरोध किया है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे सामाजिक माहौल खराब होगा और युवाओं का भविष्य प्रभावित होगा.
ग्राम सभा ने सीएम को भेजा पत्र, शराब दुकान बंद करने की गुहार
बिहार बॉर्डर से सटे पलामू जिले के हरिहरगंज प्रखंड के पथरा गांव में ग्रामीणों ने ग्राम सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर गांव में प्रस्तावित शराब दुकान न खोलने की अपील की है.
उनका कहना है कि पथरा गांव तीन ओर से बिहार के औरंगाबाद जिले से घिरा है और शराब की कालाबाजारी पहले से ही एक बड़ी समस्या है. ऐसे में गांव में शराब दुकान खुलने से स्थिति और भी खराब हो सकती है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में शराब दुकान खुलने से युवाओं और बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. साथ ही समाज में अपराध और असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
बेलवाटिका चौक पर खुलने वाले दुकान का विरोध
इसी तरह, शहर के बेलवाटिका चौक पर अनुज्ञप्ति प्रदत्त कंपोजिट शराब दुकान की शुरुआत बुधवार को होनी थी, लेकिन इससे पहले ही लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों ने इसको लेकर मंगलवार की रात जमकर विरोध किया.
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि दुकान खोलने के लिए स्टेशन रोड को स्वीकृत स्थान के रूप में तय किया गया था, फिर भी लाइसेंसधारी ने बेलवाटिका जैसे रिहायशी इलाके में दुकान खोलने की तैयारी की है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि बेलवाटिका चौक एक घनी आबादी वाला रिहायशी क्षेत्र है. यहां शराब दुकान खुलने से बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर असर पड़ेगा. साथ ही क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां भी बढ़ सकती है. प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर दुकान को बंद करवाने की मांग की है.
जिले में खुल रही हैं 70 नई शराब दुकानें
बता दें कि पलामू जिले में ई–लॉटरी प्रणाली के जरिए शराब दुकानों के लिए कुल 477 आवेदन प्राप्त हुए थे. उत्पाद विभाग ने शराब दुकानों को 28 अलग-अलग समूहों में बांटा है. इसके तहत कुल 70 दुकानों को लाइसेंस निर्गत किया गया है, जिसमें 7 देसी और 63 कंपोजिट शराब दुकानें शामिल हैं.
उत्पाद विभाग के अनुसार, 2025–26 के वित्तीय वर्ष में इन शराब दुकानों से 112 करोड़ 30 लाख रुपये की आय होने की उम्मीद है. अकेले हरिहरगंज क्षेत्र की दो शराब दुकानों से 23 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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