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पलामू :  राजहारा गांव बना ड्राइजोन, पेयजल के लिये हाहाकार, व्यवस्था कर पेयजलापूर्ति की  मांग

Raghubir Narayan Vishrampur (Palamu) :  पलामू जिले के राजहारा गांव में  पेयजल संकट विकराल रुप ले रहा है. गांव के दर्जनों हैंडपंप तथा कुएं सूख गए हैं. गांव के 80 प्रतिशत से भी ज्यादा हैंडपंप और कूप सूख चुके हैं. पानी की तालाश में लोग सुबह से ही भटकते फिरते हैं. कुछ लोग पंडवा मोड़ तथा अन्य कई जगहों से पानी खरीद कर अपनी जरुरतों को पूरा कर रहे हैं. प्रखंड का यह गांव पिछले 11 साल से ड्राइजोन के रूप में आगे बढ़ रहा है. वर्तमान समय में पानी गांव के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है जिससे गांव के लोग परेशान हैं. हर घर से एक आदमी पूरे दिन पानी लाने में लगा रहता है. जल स्त्रोतों पर रात से ही लोग जुटने लगते हैं. इसे भी पढ़ें-रांची">https://lagatar.in/seminar-organized-in-sanskrit-department-of-ranchi-university/">रांची

विवि के संस्कृत विभाग में संगोष्ठी का हुआ आयोजन गांव के लोगों ने बताया कि कुएं तथा हैंडपंप के सूखने से गांव के गरीब लोग परेशान हैं. आर्थिक रूप से संपन्न लोग निकट में बहने वाली लब्जी नदी के किनारे बोरिंग कर अपने घरों तक पानी का पाइप ले जाते हैं. वहीं कुछ लोग पानी खरीद कर पीते हैं. गांव के गिरते जल स्तर के लिए स्थानीय लोग राजहारा सीसीएल को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. राजहारा सीसीएल कोलियरी माइंस से हर दिन दो से तीन बड़े पंप लगाकर पानी को नदी में बेकार बहाया जा रहा है. इससे क्षेत्र का जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है. लोगों का कहना है कि सीसीएल की ओर से बहाए जा रहे इस पानी को पास के गांव के आहर तथा तालाब में भी छोड़ा जा सकता है. इससे गांव का जल स्तर नीचे नहीं गिरता. राजहारा, बसना, चनेया, ब्रहमोरिया सहित पास के कई गांव को पानी पाइप लाइन से दी जा सकती है. इसे भी पढ़ें-धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-platform-construction-work-stopped-at-dokra-railway-halt/">धनबाद

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गिरता जल स्तर चिंता का विषय : अनुज

गांव में गिरता जलस्तर चिंता का विषय बन गया है. इस समस्या के निदान के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग से संपर्क कर विभाग से सीसीएल की ओर से बेकार बहाए जा रहे पानी को पाइप लाइन से गांव तक आपूर्ति कराने की मांग की गयी थी. कंपनी को सीएसआर के तहत आसपास के गांवों में प्राथमिकता के आधार पर सुविधा बहाल करना है. लेकिन प्रबंधन की उदासीनता के कारण गांवों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उक्त बातें जिप सदस्य अनुज राम ने कही.  कहा कि पेयजल व स्वच्छता विभाग के द्वारा पाइप लाइन से पेयजलापूर्ति की जानी है. जिसके लिए कार्य भी शुरु कर दिया गया है. लेकिन स्थल का सही चयन नहीं होने के कारण यह कार्य रुका हुआ है. इसे भी पढ़ें-पलामू">https://lagatar.in/palamu-accused-of-dowry-harassment-arrested-sent-to-jail/">पलामू

:  दहेज उत्पीड़न का आरोपी गिरफ्तार, जेल भेजा कहा गया कि जलमीनार राजहरा गांव कोठी बाजार परिसर में बननी चाहिए थी. जहां सरकारी भूखंड भी है, लेकिन कुत लोगों के विश्वास में आकर संवेदक की ओर से मनमानी दिखाई जा रही है. गांव के लिए यह समस्या  एक दशक से बनी हुई है लेकिन कोई पदाधिकारी इसपर ध्यान नहीं देते हैं. बताया कि प्रखंड में लाखों रुपए खर्च कर 14 वे तथा पंद्रहवें वित्त आयोग की अनुदान मद से जगह-जगह  जल मीनार लगाए गए हैं. जो कुछ ही दिनों में बेकार हो गया. इसकी जांच कराने को लेकर कई बार शिकायतें भी की गयी है. इसे भी पढ़ें-नेतरहाट">https://lagatar.in/governor-welcomed-in-netarhat-given-guard-of-honor/">नेतरहाट

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ड्राइजोन होने से पेयजल संकट की स्थिति

किशोर पांडेय ( भाजपा नेता सह अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट) का कहना है कि गांव में ड्राइजोन होने से पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. ठीक से इस पर काम किया जाता तो ड्राइजोन कभी नहीं होता. सीसीएल प्रबंधक के द्वारा  नदी में बेकार बहाए जा रहे पानी को पहले राजहारा गांव तक छोड़ा जाता था. जिससे गांव का जल स्तर भी बना रहता था तथा लोगों की खेती बाड़ी भी होती थी. प्रबंधक को एक बार फिर गांव तक पानी पहुंचाने के लिए काम करने की जरूरत है. [wpse_comments_template]

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