10 हजार एडवांस देकर लाखों की जमीन रजिस्ट्री कराई, बकाया मांगने पर दे रहा जान से मारने की धमकी
जिस मुखिया को जांच रिपोर्ट में बनाया गया था आरोपी वह सांसद प्रतिनिधि है
मनरेगा योजना के क्रियान्यवयन में अनियमितता का आरोप सुगना मुखिया अखिलेश कुमार पान्डेय पर लगा था. जांच में पुष्टि होने के बाद पाटन थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया था. वह मुखिया पलामू सांसद बीडीराम का प्रतिनिधि है. राजनीतिक रसूख के वाले वर्तमान उपायुक्त के निर्देश पर की गई जांच में मुखिया को आरोप मुक्त कर दिया गया.क्या है पूरा मामला
दरअसल पाटन प्रखंड के पंचायत सुगना में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और 14 वें वित आयोग से प्राप्त राशि द्वारा संचालित योजना में अनियमितता की शिकायत मिली थी. जिसपर तत्कालीन उपायुक्त शांतनु अग्रहरी ने निदेशक डीआरडीए पलामू, सहायक अभियंता प्रमोद राम और सुधीर कुमार से संबधित मामले की जांच करायी थी. जांच रिपोर्ट में मनरेगा योजना क्रियान्वयन में अनियमितता की पुष्टि होती है. इसके उपरांत उपायुक्त के निर्देश पर 11 जुलाई 2020 को प्रखंड विकास पदाधिकारी पाटन के द्वारा अखिलेश कुमार पांडे ग्राम पंचायत सुगना मुखिया, जयकृष्ण सिंह पंचायत सचिव सुगना वर्तमान,पारसनाथ तिवारी पंचायत सचिव तत्कालीन,नवीन कुमार पंचायत रोजगार सेवक सुगना तत्कालीन,पंकज सिंह पंचायत रोजगार सेवक सुगना तत्कालीन ,दिनेश राम पंचायत रोजगार सेवक सुगना तत्कालीन के विरुद्ध पाटन थाना में धारा 408 ,409, 420,467, 468,120 बी में दर्ज कराया था.क्या कहना है थाना प्रभारी पाटन का
प्राथमिकी को लेकर थाना प्रभारी पाटन दीपक कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि पूर्व उपायुक्त के आदेश पर मनरेगा योजना में अनियमितता को लेकर प्रथामिकी दर्ज करायी गयी थी. इस मामले में अनुसंधान चल रहा है और इसपर वरीय अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं.दोबारा हुई जांच में भी आरोपी हुए दोष मुक्त
उपरोक्त मामले में पलामू सांसद बीडी राम के द्वारा पुन: जांच कराये जाने की मांग की गयी थी. जिस पर वर्तमान उपायुक्त के आदेश पर जांच कराया और सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया गया. इसे भी पढ़ें –जज">https://lagatar.in/judge-uttam-anand-case-dhanbad-court-framed-the-charge/">जजउत्तम आनंद केस: धनबाद कोर्ट ने किया चार्ज फ्रेम, IPC की धारा 302,201 और 34 के तहत आरोप गठित [wpse_comments_template]

Leave a Comment