Search

माओवादियों के साथ मुठभेड़ में पलामू का लाल शहीद, तीन दिन पहले ही बेटे का हुआ है जन्म

Chaibasa : चाईबासा के टोटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका जंगल जंगल में हुई मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए. इसमें एक पलामू के रहने वाले सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी शामिल हैं. अमित 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं. वह पलामू के रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा गांव के रहने वाले हैं. सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया है. परिजन चाईबासा के लिए निकल पड़े हैं. जानकारी के अनुसार 3 दिन पहले ही अमित की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है. अमित बेटे से मिल भी नहीं पाए, सिर्फ मोबाइल में ही उसकी तस्वीर देखी है. अमित के पिता देवेंद्र तिवारी पेशे से किसान हैं, वहीं चाचा निरंजन कुमार तिवारी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और झारखंड में ही तैनात हैं. अमित तिवारी के घर के कई सदस्य पुलिस सेवा में कार्यरत हैं. इसके पहले भी बीते 11 अगस्त को जिले के टोंटो थाना क्षेत्र में नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गए थे, जबकि दूसरा जवान मुन्ना कुमार गंभीर रूप से घायल हुए थे. सुरक्षा बल की मुठभेड़ मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई है मुठभेड़ सुरक्षा बल की मुठभेड़ एक करोड़ इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई है. नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की ओर से झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चली और मिसिर बेसरा अपने दस्ते के साथ पीछे हटने को मजबूर हो गया. नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंच गई है सुरक्षाबल सुरक्षा बल लगातार इन इलाकों में अभियान चला रहे हैं. जंगल के इलाकों में लैंड माइंस और कई स्पाइक छिपी है.जिससे नक्सली सुरक्षा बलों का रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं. जिले के टोंटो थाना क्षेत्र इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. पांच साल में पहली बार सुरक्षा बल भाकपा माओवादी नक्सली संगठन सेंट्रल कमेटी और एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंच गयी है.इस दौरान मिसिर बेसरा के बेस कैंप को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया. बंकर 25 गुणा 50 के आकार में था और यही से एक करोड़ का ईनामी नक्सली मिसिर बेसरा ऑपरेट कर रहा था. यह नक्सलियों का पहला मुख्यालय, इसी इलाके में लगे हैं सबसे ज्यादा बम टोंटो थाना क्षेत्र का तुम्बाहाका इलाका सबसे संवेदनशील है. यह नक्सलियों का पहला मुख्यालय था. गोइलकेरा थाना क्षेत्र के छोटा कुइदा-मरादिरी रोडपर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने आईईडी लगा रखा हैं.पांच महीने में यहां से 135 आईईडी बरामद हो चुके हैं. ये 20-20 किलो तक वजनी थे. इन आईईडी की चपेट में आकर कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp