सर्वेक्षण-2021 में जेएनएसी झारखंड में प्रथम व देश में 12वें स्थान पर
पूर्व में 2.5 लाख रुपये था
15 वित्त आयोग मद की राशि के समुचित एवं नियम अनुकूल व्यय के लिए विभाग की ओर से विभागीय सूचना संख्या 1551/ 25 सितंबर 2021 को निकाली गयी थी. साथ ही 15वें वित्त आयोग के अनुसार के आलोक में पंचायती राज संस्थानों द्वारा विकास योजना निर्माण के लिए हेतु मार्गदर्शिका भी निर्गत की गयी थी. इसमें बदलाव करते हुए पांच लाख रुपये से अधिक खर्च करने के लिए टेंडर को अनिवार्य बनाया गया है, जो पूर्व में 2.5 लाख रुपये था.संवेदक को जिला परिषद में करना होगा निबंधन
झारखंड सरकार पंचायती राज विभाग के द्वारा 15 वित्त आयोग से संचालित योजना का जिसकी लागत 500000 से अधिक है, ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए टेंडर निकालना अनिवार्य बनाया गया है. इस टेंडर प्रक्रिया में स्थानीय लोग की सहभागिता हो इसके लिए निविदा दाता का निबंधन जिला परिषद स्तर पर किया जाना है. जो संवेदक जिस जिला परिषद में अपना निबंधन करायेंगे वह उस जिला के अंतर्गत पड़ने वाली सभी पंचायतों के आमंत्रित निविदाओं में भाग ले सकते हैं. विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है छोटी-छोटी योजना जिनकी लागत पांच लाख तक है, उसका क्रियान्वयन स्थानीय लाभुक समिति के माध्यम से किया जायेगा. इसे भी पढ़ें – क्या">https://lagatar.in/will-the-bet-of-getting-farmers-support-succeed-lagatar/">क्याकिसानों का समर्थन हासिल करने का दांव कामयाब होगा ? [wpse_comments_template]
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