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Pandora Papers: काला धन का सफेद सच, सचिन, अनिल अंबानी, नीरव मोदी, जैकी श्रॉफ, नीरा राडिया सहित 380 भारतीय शामिल!

NewDelhi :  पेंडोरा पेपर्स (Pandora Papers: ) के सामने आने के बाद 91 देशों में हलचल मच गयी है. इस लिस्ट में दुनियाभर के राजनेताओं और हस्तियों पर दूसरे देशों में छिपाकर संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया है. आईसीआईजे का दावा है कि उसके हाथ 1.19 करोड़ से ज्यादा गोपनीय फाइलें लगीं हैं, जिसने अमीरों के गुप्त लेनदेन का खुलासा कर दिया है. पेंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers Leaks) में भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी, विनोद अडानी जैकी श्रॉफ, किरण मजूमदार शॉ, नीरा राडिया और सतीश शर्मा समेत कई भारतीयों के नाम भी सामने आने पर केंद्र सरकार अलर्ट हो गयी है. इसे भी पढ़ें  : लखीमपुर">https://lagatar.in/lakhimpur-violence-postmortem-report-reveals-eight-people-died-due-to-thrashing-thrashing-and-brain-hemorrhage/">लखीमपुर

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 केंद्र सरकार पैंडोरा पेपर्स मामले की जांच करायेगी

विदेश विभाग इस पर नजर रखे हुए है. जान लें कि इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICJI) में बीबीसी और द गार्जियन के अलावा भारत के इंडियन एक्सप्रेस समेत दुनियाभर के 150 से ज्यादा मीडिया समूह शामिल हैं.  केंद्र सरकार ने कहा है कि वह पैंडोरा पेपर्स मामले की जांच करायेगी. इसके लिए मल्‍टी-एजेंसी ग्रुप की मदद ली जायेगी. आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, वित्‍तीय खुफिया यूनिटी और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मिलकर जांच करेंगे.  बता दें कि इस ग्रुप की कमान सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍सेज के चेयरमैन के पास है. इसे भी पढ़ें  :  क्रूज">https://lagatar.in/big-disclosure-about-cruise-rave-party-strings-related-to-cryptocurrency-the-matter-went-international/">क्रूज

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 पेंडोरा पेपर्स में  380 भारतीयों के नाम शामिल होने का दावा

पेंडोरा पेपर्स लीक में करीब 380  भारतीयों के नाम शामिल होने का दावा है. इसमें सचिन तेंदुलकर का नाम भी है. इस संबंध में तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि उनका निवेश वैध है और इसके बारे में टैक्स अधिकारियों को जानकारी है. वहीं, अघोषित विदेश संपत्ति रखने के आरोप में अनिल अंबानी और किरन मजूमदार शॉ का भी नाम है. इस लिस्ट में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम भी है. इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कई भारतीयों ने 2016 में पनामा पेपर्स लीक के बाद अपनी सपंत्तियों को इधर-उधर किया है खबर है कि पेंडोरा पेपर्स की लिस्ट में बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार शॉ के पति जॉन शॉ का नाम भी  शामिल है. इस पर सफाई देते हुए  किरण मजूमदार ने कहा कि उनके पति के विदेश स्थित ट्रस्ट को गलत तरीके से शामिल किया गया है.  कहा कि उनके पति का ट्रस्ट वास्तविक और वैध है, जिसे स्वतंत्र ट्रस्टी मैनेज करते हैं. किसी भी भारतीय के पास इस ट्रस्ट की चाबी नहीं है, जैसा आरोप लगाया गया है.` इसे भी पढ़ें  :  लखीमपुर">https://lagatar.in/lakhimpur-kheri-violence-priyanka-gandhi-tweeted-modi-ji-your-government-has-kept-me-in-custody-for-28-hours-without-any-fir/">लखीमपुर

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पैंडोरा पेपर्स 1.2 करोड़ दस्‍तावेजों के लीक का नाम है

उन्होंने कहा, `मेरे पति जॉन शॉ एक ब्रिटिश नागरिक हैं जिन्होंने अपनी फॉरेन करंसी की कमाई से 1999 में ग्लेनटेक इंटरनेशनल नाम से एक इन्वेस्टमेंट कंपनी सेटअप की थी. इस कंपनी ने यूनिलिवर समेत कई रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया है.` यूनिलिवर के पास ही बायोकॉन (Biocon) का मालिकाना हक है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ग्लेनटेक मॉरिशस में रजिस्टर्ड कंपनी है जिसके बारे में आरबीआई और सेबी दोनों को पता है. पैंडोरा पेपर्स असल में 1.2 करोड़ दस्‍तावेजों के लीक का नाम है. इनके जरिए दुनिया के कई रईस और ताकतवर लोगों की छिपी हुई दौलत सामने आयी है. कुछ मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी भी मिली है. 117 देशों के 600 से ज्‍यादा पत्रकारों ने महीनों तक 14 सोर्सेज से आये दस्‍तावेज खंगाले. खबर है कि यह डेटा वॉशिंगटन डीसी स्थित इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्‍ट्स (ICIJ) को मिला था.  ICIJ दुनियाभर के 140 से ज्‍यादा मीडिया संस्‍थानों के साथ मिलकर इतनी बड़ी ग्‍लोबल इनवेस्टिगेशन कर रहा है.

पैंडोरा पेपर्स लीक में 64 लाख दस्‍तावेज हैं, 30 लाख तस्‍वीरें हैं

जानकारी के अनुसार पैंडोरा पेपर्स लीक में 64 लाख दस्‍तावेज हैं, करीब 30 लाख तस्‍वीरें हैं, 10 लाख से ज्‍यादा ईमेल्‍स हैं और लगभग  5 लाख स्‍प्रेडशीट्स हैं. लीक फाइलों के जरिए 90 देशों के 330 से ज्‍यादा राजनेताओं के सीक्रेट ऑफशोर कंपनियों के जरिए संपत्ति छिपाने की बात सामने आयी है. जॉर्डन के सुल्‍तान के अमेरिका और यूके में गुप्‍त रूप रूस प्रॉपर्टीज खरीदने का पता चला है. अजरबैजान में सत्‍ताधारी परिवार ने यूके में 400 मिलियन पौंड से ज्‍यादा की प्रॉपर्टी डील्‍स कर रखी हैं. ऐसा माना जाता रहा है कि भारतीयों ने अपना पैसा कई तरीकों से टैक्‍स हेवंस में छिपाया. कुछ ने हवाला रूट का इस्‍तेमाल किया तो किसी ने अंडर-इनवॉय‍सिंग, ओवर-इनवॉयसिंग का। IT ऐक्‍ट के तहत 10 साल पहले तक खोले गये खातों पर ऐक्‍शन हो सकता है. मगर ब्‍लैक मनी ऐक्‍ट के तहत, 70 के दशक में खोले गये स्विस बैंक अकाउंट की भी जांच हो सकती है. [wpse_comments_template]  

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