alt="" width="396" height="264" /> जमशेदपुर के पूर्व एसपी नवीन कुमार सिंह.[/caption] इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर:">https://lagatar.in/akhilesh-killed-paramjit-singh-in-ghagidih-jail-after-separating-from-the-gang/">जमशेदपुर:
गैंग से अलग होने पर परमजीत सिंह की अखिलेश ने घाघीडीह जेल में करवाई थी हत्या
डॉ. प्रभात कुमार की गोली मारकर की थी हत्या
सीरियल क्राइम के दौरान ही पंकज दुबे वे उसके गैंग के लोगों ने टीएमएच के डॉ. प्रभात कुमार के घर में घुसकर गोली मारकर हत्या की थी. इसी तरह से टीएमएच के ही डॉ. अनुपम प्रसाद और पीके मिश्रा को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. बिष्टुपुर सीएच एरिया पेट्रोल पंप के पास बिल्डर रोहित सिंह के ऑफिस में फायरिंग की गयी थी. जनवरी 2010 को मानगो के व्यापारी इंदरपाल सिंह की गोली मारकर हत्या की थी.शहर के दो पत्रकारों को फोन करना पड़ा था महंगा
पंकज दुबे ने सीरियल क्राइम के दौरान ही शहर के दो पत्रकारों को मोबाइल पर फोन किया था. यही फोन करना उसके लिये महंगा साबित हुआ. संतोष दुबे के नाम पर उसने फोन किया था और अपनी बातों को पुलिस और आम लोगों तक प्रिंट मीडिया के माध्यम से पहुंचाना चाहता था. खबर जब अखबारों में छपी तब पुलिस ने उस नंबर को ही ट्रैक पर लगा दिया था. उस नंबर का पीछा करते हुये पुलिस ने 25 जनवरी 2010 को उसे बिष्टुपुर के जी टाउन क्लब के पास से गिरफ्तार कर लिया था.9 एमएम पिस्टल के साथ धराया था पंकज दुबे
पंकज दुबे की गिरफ्तारी 20 जनवरी 2010 को 9 एमएम पिस्टल के साथ हुई थी. इसके बाद ही पुलिस को पता चला कि वह जुगसलाई का रहने वाला है और परमजीत गैंग का आदमी है. इसके पहले तक वह पर्दे के पीछे था, लेकिन डॉन बनने की चाहत में उसने सीरियल क्राइम को अंजाम दिया. पंकज के साथ पुलिस ने कबीर उर्फ शेख हैसामुद्दीन को भी गिरफ्तार किया था. तब कबीर ने कहा था कि पंकज के कहने पर उसने डॉ. प्रभात के घर में घुसकर गोली मारकर हत्या की थी. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-in-2000s-joga-rao-dudhai-yadav-and-bhim-mahli-were-in-discussion-the-police-did-not-recognize/">जमशेदपुर:2000 के दशक में जोगा राव, दुधई यादव और भीम माहली था चर्चा में, पहचानती नहीं थी पुलिस [wpse_comments_template]
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