NewDelhi : सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय स्थायी समिति ने सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक को शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है. खबर है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति ने फेसबुक को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि इस बात के बावजूद कि कंपनी की नीतियां क्या कहती हैं, फेसबुक प्रतिनिधियों को पैनल के सामने शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी.
बता दें कि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही समिति ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी और उन्हें याद दिलाया था कि माइक्राब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को देश के कानूनों का पालन करना होगा. एएनआई के अनुसार, यूट्यूब, गूगल आदि दूसरे सोशल मीडिया और वेब प्लेटफॉर्म्स से कहा गया है कि वे अपने प्रतिनिधियों को समिति के सामने शारीरिक तौर पर भेजें.
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फेसबुक ने व्यक्तिगत रूप में पेश होने से इनकार किया था
बता दें कि फेसबुक ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए संसदीय की स्थायी समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से बैठक में पेश होने के लिए इनकार कर दिया था. फेसबुक के अधिकारियों ने वर्चुअली मीटिंग में शामिल होने की बात कही थी. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि फेसबुक ने कहा है कि ऐसे में जबकि कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है, कंपनी ने अपने अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर मीटिंग करने मना किया है. सूत्र ने एएनआई से कहा, फेसबुक के जवाब पर संज्ञान लेते हुए अब समिति के अध्यक्ष ने फेसबुक के उन अधिकारियों की सूची मांगी है जिन्हें कंपनी समिति के समक्ष भेजना चाहती है.
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समिति ने कहा है कि वे कंपनी के सदस्यों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त समय देंगे
अध्यक्ष ने कहा कि समिति ऐसे अधिकारियों को कोविड टीकाकरण उपलब्ध करायेगी और समिति के समक्ष आने के लिए पर्याप्त समय भी देगी. एएनआई ने जब इस बारे में फेसबुक से प्रतिक्रिया लेनी चाही, तो उसने इनकार कर दिया. एक रिपोर्ट के अनुसार थरूर ने कहा कि दिया कि संसदीय नियम ऑनलाइन बैठकों पर रोक लगाते हैं, हालांकि, अभी तक बैठक की तारीख पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
समिति ने कहा है कि वे कंपनी के सदस्यों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त समय देंगे, लेकिन मुलाकात सामने मौजूद होकर ही की जायेगी. बता दे कि पैनल ने शुक्रवार को ट्विटर के अधिकारियों से सोशल मीडिया के लिए नये नियमों को पूरी तरह से लागू नहीं करने, अन्य मुद्दों के अलावा 90 मिनट से अधिक समय तक पूछताछ की थी.