Bokaro: गोमिया निवासी गोविंद प्रसाद जायसवाल की अस्पताल का चक्कर लगाते हुए बुधवार को मौत हो गयी. बताया जाता है कि सांस लेने की तकलीफ होने पर मृतक को मंगलवार रात बोकारो लाया गया था. एंबुलेंस से बोकारो पंहुचते ही एजेंटों ने कमीशनखोरी के चक्कर में चास के मदर टेरेसा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती करा दिया. वहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी. जबकि मरीज को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सख्त जरूरत थी.
मृतक के पुत्र बसंत ने बताया कि भर्ती से पहले अस्पताल प्रबंधन ने वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा की बात कही थी. इस बीच रात एक बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई. मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो चास केएम मेमोरियल भेज दिया. वहां भर्ती नही किया. इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती रही. आखिर में प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर लगाते हुए पिता ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया.
मरीज की हालत नाजुक थी
लापरवाही के कारण मौत से बौखलाए परिजनों ने मदर टेरेसा अस्पताल में जमकर हंगामा किया. सूचना मिलने पर चास थाने की पुलिस पंहुची. लेकिन परिजन शव लेकर गोमिया जा चुके थे. इस मामले पर अस्पताल के सीएमओ अभिजीत सरकार ने कहा कि मंगलवार रात जब मरीज पहुंचा तो स्थिति काफी नाजुक थी. सारी बातें परिजनों को बता दी गयीं थी. उसके बाद मरीज को भर्ती किया गया था.
एजेंटों का है नेटवर्क
बता दें कि बोकारो में एंबुलेंस चालक के जरिये अस्पताल एजेंटों का बड़ा नेटवर्क काम करता है. इससे कमीशनखोरी के चक्कर में मरीजों की मौत हो जाती है. इसके बावजूद इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.