Ranchi : झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स पर मरीजों का भरोसा अब मजबूरी में बदलने लगा है. राज्यभर से परेशान होकर लोग इलाज के लिए रिम्स पहुंचते हैं, लेकिन यहां वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. हालत यह है कि करीब 30 से ज्यादा वेंटिलेटर लंबे समय से खराब पड़े हैं और इलाज के लिए आए गंभीर मरीजों को वेंटीलेटर खराब होने का हवाला देकर भर्ती करने से मना कर दिया जाता है.
विभिन्न विभागों में लगातार ऑपरेशन टाले जा रहे हैं. न्यूरो सर्जरी विभाग में पिछले दस दिनों में लगभग 20 से ज्यादा ऑपरेशन टाले जा चुके हैं. वहीं मेडिसिन, कार्डियोलॉजी, सर्जरी सहित कई अन्य विभागों में भी मशीनें खराब पड़ी हैं.
जानकारी के मुताबिक सबसे गंभीर स्थिति क्रिटिकल केयर विभाग की है, जहां क़रीब 10 वेंटिलेटर खराब पड़े हैं. इसका नतीजा यह है कि जिन मरीजों की हालत नाजुक होती है और जिन्हें तुरंत वेंटिलेटर की जरूरत होती है, उन्हें समय पर यह सुविधा नहीं मिल पाती. डॉक्टरों का कहना है कि वेंटिलेटर की कमी के बारे में प्रबंधन को कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन अब तक न तो किसी वेंटिलेटर की मरम्मत हो पाई है और न ही नए वेंटिलेटर खरीदे जा सके हैं.
उल्लेखनीय HC द्वारा रिम्स निर्देशक से इस विषय पर पूछे जाने पर निर्देशक डॉ राज कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी द्वारा पत्र लिख कर कहा गया है कि उनकी अनुमति के बिना मशीनों की खरीदारी न की जाए.
मामले को लेकर हाईकोर्ट ने 14 सितंबर तक शासी परिषद की बैठक बुलाने और 19 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है. उम्मीद जताई जा रही है कि जिस राज्य में विधायकों और मंत्रियों के लिए एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां आम जनता और गरीब मरीजों की उम्मीदें भी इस बैठक के बाद कुछ हद तक पूरी हो सकेंगी.
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