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मरीजों का इलाज करना हमारी प्राथमिकता- डॉ बी कुमार
मेडिसिन और सर्जरी विभाग के कॉरिडोर में भी दो दर्जन से ज्यादा गंभीर मरीज फर्श पर इलाजरत हैं. यहां नर्सें इन्हें दवा-इंजेक्शन व अन्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं. मेडिसिन विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ बी कुमार ने कहा कि मेरे यूनिट में भर्ती मरीज किडनी की समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं. साथ ही अत्यधिक शराब के सेवन की वजह से लिवर फेल होने वाले मरीज भी भर्ती हो रहे हैं. कुछ वैसे भी मरीज हैं, जिन्हें ब्रेन स्ट्रोक के बाद यहां भर्ती किया गया है. हमारी प्राथमिकता मरीजों का इलाज करना होता है.रिम्स के मेडिसिन विभाग में 6 यूनिट
रिम्स के मेडिसिन विभाग में कुल 6 यूनिट हैं. प्रत्येक यूनिट में रिकमेंडेड बेड की संख्या 30 है, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ जाने के कारण प्रत्येक यूनिट में 48 बेड लगाए गए हैं. बावजूद इसके भर्ती होने वाले मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं हो रहा है.बिना रेक्सीन के गद्दे पर इलाज करवाना मजबूरी
इधर, फर्श पर इलाज कराने वाले मरीज को ढंग का गद्दा भी नहीं मिल पा रहा है. गद्दे पर लगा रेक्सीन का कवर पूरी तरह से फट चुका है. इसी पर इलाज करवा रहे महेंद्र ने कहा - गरीब हूं, शायद इसीलिए यह दिन देखना पड़ रहा है. जबकि 2 सितंबर से फर्श पर इलाज करवा रही कालसी देवी की मां ने कहा कि रिम्स बड़ा अस्पताल है. लेकिन आप खुद यहां की व्यवस्था देख सकते हैं कि इलाज कैसे होता है. इसे भी पढ़ें- दुमका">https://lagatar.in/dumka-ncpcr-team-reached-dumka-to-investigate-the-murder-of-two-minor-daughters/">दुमका: दो नाबालिग बेटियों की हत्या की जांच के लिए दुमका पहुंची एनसीपीसीआर की टीम [wpse_comments_template]

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