Patna: दिल्ली में संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह मणिपुर की हिंसा के विषय पर सदन के भीतर बयान दें. विपक्षी दलों का यह आरोप भी है कि सरकार मणिपुर के संदर्भ में प्रधानमंत्री के बयान और चर्चा की उनकी मांग को स्वीकार नहीं कर रही है जिस वजह से दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. वहीं इस मामले पर चिराग पासवान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ हंगामा करना चाहता है. विपक्ष मामले में हल चाहता ही नहीं. वो बस स्पीकर के पास जाकर चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे हैं. मणिपुर मामले को सत्ता पक्ष भी सुलझाना चाहता है, वो भी चाहता है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो.
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आपका(विपक्ष) चर्चा ना करना ये दर्शाता है कि आपको सिर्फ हंगामा ही खड़ा करना है। आप हल चाहते ही नहीं हैं। आप बातों को स्पीकर के पास जाकर चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे हैं। आप चाहें तो आज चर्चा शुरू हो जाएगी, सत्ता पक्ष भी मामले को सुलझाना चाहता है, वे भी चाहता है कि दोषियों पर… pic.twitter.com/ndRpwdmQTr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July">https://twitter.com/AHindinews/status/1682281385548189698?ref_src=twsrc%5Etfw">July
21, 2023
बता दें कि 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि इस मामले में कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा. उन्होंने कहा था, ‘‘मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है. इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता’’ मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है. राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी और अभी तक इसमें 150 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
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