Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बेंगलुरु की यात्रा पर गए जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने बुधवार को उन खबरों का खंडन किया जिनमें कहा गया है कि विपक्षी दलों की बैठक के दौरान जिस तरह से चीजें घटित हुईं उसे लेकर नीतीश कुमार नाखुश थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि नीतीश कुमार कतई नाराज नहीं हैं. पटना में संवाददाताओं से बातचीत में ललन ने भाजपा नीत राजग की उन खबरों को ‘दुष्प्रचार’’बताया जिनमें कहा गया है कि नीतीश कुमार ‘इंडिया’ उपनाम से नाखुश हैं और नये गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नाराज हैं.
ललन सिंह ने कहा, ‘‘देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग की ओर से यह सब दुष्प्रचार और अफवाह फैलाई जा रही है. ‘इंडिया’ नाम पर विपक्षी बैठक में उपस्थित सभी नेताओं की सहमति से मुहर लगी है’’ नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की अटकलों के बारे में जदयू प्रमुख ने कहा, ‘‘यह कल की बैठक के एजेंडे में नहीं था. अगली बैठक जब मुंबई में होगी तो इस बारे में विचार किया जा सकता है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जैसे भाजपा नेता जिन्होंने दावा किया कि संयोजक नहीं बनाये जाने से असंतुष्ट होने के कारण नीतीश प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए, वे ‘छपास रोग’ से पीड़ित हैं.
ललन ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं और सूत्रधार कभी नाराज नहीं होता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मुंबई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक भाषण याद है जहां उन्होंने बार-बार लोगों से इंडिया के लिए वोट करने का आग्रह किया था. अब समय आ गया है कि लोग वास्तव में ‘इंडिया’ के लिए वोट करेंगे’’ ललन ने यह भी दावा किया कि बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई राजग की बैठक ‘हताशा’ का संकेत थी. जदयू पूर्व में राजग का हिस्सा रही है और एक साल पहले ही भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़ दिया था. जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘एक लोकसभा सदस्य के रूप में मैं यह कह सकता हूं कि मोदी के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है कि राजग की बैठक बुलाई गई है’’ उन्होंने भाजपा के इस दावे का भी मजाक उड़ाया कि 30 से अधिक दल राजग का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे एक दर्जन से अधिक राजनीतिक संगठन उत्तर-पूर्व से हैं जबकि पूरे क्षेत्र में केवल 23 लोकसभा सीट हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कई विपक्षी नेताओं पर प्रधानमंत्री के तंज के बारे में पूछे जाने पर ललन सिंह ने कहा, ‘‘उन्हें अपनी पिछली टिप्पणियों पर दोबारा गौर करना चाहिए. महाराष्ट्र से लौटने पर उन्होंने किस पर हमला बोला था और वे लोग आज कहां हैं.’’ उनका इशारा भोपाल में मोदी के भाषण की ओर था जहां उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार समेत अन्य पर भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. शरद पवार फिलहाल विपक्षी खेमे में हैं और उनके भतीजे अजित पवार हाल ही में अपने समर्थक गुट के साथ अलग हो गए और महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए. राकांपा के बागी गुट में कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं जिनपर भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर भाजपा द्वारा पूर्व में आरोप लगाया गया था.