किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आय
प्रस्ताव में इस बात पर भी विशेष जोर दिया गया था कि पर्ल फार्मिंग से किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं. इस प्रस्ताव को अब मंजूर कर लिया गया है. मत्स्य विभाग को मोती की खेती के लिए किसानों का चयन कर ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया गया है. इस काम में मत्स्य विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं. मोती की खेती शुरू करने के लिए किसानों से आवेदन मांगने की प्रक्रिया चल रही है.40 गुणा 40 के तालाब में भी कर सकते है खेती
जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने बताया कि धनबाद जिले में मोती उत्पादन की पूरी संभावना है. यहां के तालाबों और जलाशयों में मीठा पानी है, जो सीप के लिए अनुकूल होता है. यदि धनबाद में मोती का उत्पादन किया जाता है तो किसानों को इसे बेचने के लिए बाजार खोजने की आवश्यकता नहीं होगी.मोती की खेती के लिए शरद ऋतु अनुकूल
मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल मौसम शरद ऋतु यानी अक्तूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है. कम से कम 10 गुणा 10 फीट या बड़े आकार के तालाब में मोती की खेती की जा सकती है. मोती संवर्धन के लिए 0.4 हेक्टेयर जैसे छोटे तालाब में अधिकतम 25,000 सीप से मोती उत्पादन किया जा सकता है. खेती शुरू करने के लिए किसान को पहले तालाब, नदी आदि से सीपों को इकट्ठा करना होता है या फिर उन्हें खरीदा भी जा सकता है.ऐसे तैयार होते हैं मोती
[caption id="attachment_254249" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="191" /> मोती की खेती के तौर-तरीके[/caption] घोघा नाम का एकजु जिसे मॉलस्क कहते हैं, अपने शरीर से निकलने वाले एक चिकने तरल पदार्थ द्वारा अपने घर का निर्माण करता है. इस घर को सौपी कहते है. इसके अंदर वह अपने शत्रुओं से भी सुरक्षित रहता है. घोघों की हजारों किस्में हैंऔर उनके शेल भी विभिन्न रंगों गुलाबी, लाल,पीले, नारंगी, भूरे आदि होते हैं, जो अति आकर्षक भी होते हैं. धोकी मोती बनाने वाली किस्म बाइवाल्वज कहलाती है. इसमें से भी ओएस्टर धीचा सर्वाधिक मोती बनाता है. मोती बनाना भी एक मजेदार प्रक्रिया है. वायु, जल व भोजन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए कभी-कभी घोघे जब अपने मल के द्वार खोलते है तो कुछ विजातीय पदार्थ जैसे रेत कण कीड़े - मकोड़े आदि उस खुले मुंह में प्रवेश कर जाते हैं जो अपनी त्वचा से निकलने वाले चिकने तरल पदार्थ द्वारा उस विजातीय पदार्थ पर परतें चढ़ाने लगता है.
लागत कम, मुनाफा ज्यादा
एक सीप लगभग आठ से 12 रुपये की आती है. बाजार मे एक मिमी से 20 मिमी सीप के मोती का दाम करीब 300 से 1500 रुपये होता है. आजकल डिजायनर मोतियों को पसंद किया जा रहा है, जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. यह भी पढ़ें: निरसा">https://lagatar.in/nirsa-collision-between-truck-and-car-near-khudia-gate/">निरसा: खुदिया फाटक के समीप ट्रक व कार में टक्कर [wpse_comments_template]

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