Pirtand (Giridih) : जैनियों के तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी में जैन मुनि मेरुभूषण जी महाराज ने 17 मार्च को समाधि ले ली. वे वर्ष 2002 में सरकारी नौकरी छोड़ कर दीक्षा लेकर वैराग्य धारण किया था. वर्ष 2004 में कठोर साधना में लीन हो गए. वे मोक्ष के लिए ही आगरा से सम्मेद शिखर जी आए थे. विगत डेढ़ माह से अन्न-जल त्याग कर यम संल्लेखना धारण किया था. नियम-विधि पूरा होने के बाद एकांतवास में रह रहे थे. समाधि लेने के बाद धार्मिक विधि-विधान से अंतिम क्रिया किया गया. महराज जी का अंतिम दर्शन करने इनके परिवार के सदस्य आगरा से मधुबन पहुंचे.
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