NewDelhi : खबर आयी है कि पेगासस स्पाइवेयर मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है. सूत्रों के अनुसार समिति ने सोमवार को अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी है. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों कि एक कमेटी बनाई थी
सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच 23 फरवरी को इस मामले में लंबित याचिकाओं और रिपोर्ट का अध्ययन करेगी. 27 अक्टूबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन सदस्यों कि एक कमेटी बनाई थी जिसमें गांधीनगर यूनिवर्सिटी के फरेंसिग साइंसेज के डीन डॉ. नवीन कुमार चौधरी, केरल के अमृता विश्व विद्यापीठम के प्रोफेसर डॉ प्रभाकरण पी औऱ आईटी बॉम्बे के डॉ. अश्विन अनिल गुमास्ते शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवींद्रन को निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है. इसके अलावा इसमें दो एक्सपर्ट पूर्व आईपीएस आलोक जशी और डॉ. संदीप ओबेरॉय भी शामिल हैं.
SC की पीठ ने 12 जनहित याचिकाओं को 23 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है
जानकारी के अनुसार CJI एन वी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 12 जनहित याचिकाओं को 23 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. इनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, पत्रकार एन राम और शशि कुमार की याचिकाएं भी शामिल हैं. इस दौरान उस रिपोर्ट की समीक्षा भी की जा सकती है, जिसे द्वारा नियुक्त पैनल को दाखिल करने को कहा गया था.
न्यूयार्क टाइम्स की खबर से बढ़ा विवाद
यह विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब हाल ही में अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी एक खबर में दावा किया था कि 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी.
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