Ranchi : गर्मी के इस मौसम में बिजली कटौती से लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही. उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है. बिजली गुल रहने से इस भीषण गर्मी में उन्हें रात रात भर नींद नहीं आ रही है. जिसका असर उनकी ड्यूटी और अन्य कामकाज पर पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों से शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में बिजली कटौती की जा रही है. ग्रामीण इलाकों में स्थिति कुछ ज्यादा खराब है. इस समय राज्य में औसतन 6 से 7 घंटे बिजली कटौती हो रही है. बिजली कटौती के लिए लिए जो कारण बताए जा रहे हैं उनमें गर्मी के दिनों में अधिक बिजली की खपत, डिमांड से कम बिजली की सप्लाई और आए दिन आंधी-पानी से तार और खंभों के क्षतिग्रस्त होने से उत्पन्न बाधाएं शामिल हैं.
आदित्यपुर क्षेत्र में 525 मेगावाट बिजली की जरुरत है पर वहां 450 मेगावाट बिजली दी जा रही है. उसी तरह लातेहार में 26 मेगावाट बिजली चाहिए, पर 16 से 17 मेगावाट बिजली ही दी जा रही है. जामताड़ा में 50 मेगावाट बिजली की डिमांड है वहां 20 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. कहा जा रहा है कि इन्हीं वजहों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस समय लोड शेडिंग की जा रही है. गर्मी में बिजली कटौती से परेशान लोगों में नाराजगी है. वे कहते हैं कि संबद्ध विभाग और सरकार और जनप्रतिनिधियों को इस दिशा में गंभीरता से सोचने की जरुरत है. बिजली व्यवस्था में हर हाल में सुधार तो होनी ही चाहिए. प्राकृतिक आपदाओं के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए. अगर शीघ्र इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो लोग इसके लिए आंदोलन करने को विवश हो सकते हैं. शुभम संदेश की टीम ने राज्य की मौजूदा बिजली की स्थिति पर पड़ताल की है. पेश है रिपोर्ट.
हजारीबाग शहर का भी बुरा हाल बढ़ी बिजली कटौती, उपभोक्ता बेहाल
हजारीबाग में रविवार की रात से अचानक बिजली कटौती बढ़ गई है. रात में अधिकांश इलाकों में पांच घंटे बिजली गुल रही. वहीं सुबह में भी बिजली का बुरा हाल रहा. भीषण गर्मी में लोग बेहाल रहे. पिछले 24 घंटे से शहर के विभिन्न भागों में 13 से 14 घंटे बिजली रही. यह ग्राफ ग्रामीण इलाकों की तरह हो गई. इस संबंध में बिजली विभाग के कार्यपालक और सहायक अभियंता से कारण जानने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया. अचानक शहर में बिजली की कटौती के बारे में पहले जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई.
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की स्थिति
- चौपारण और बरही में बिजली की स्थिति बेहतर नहीं है. बरही में पांच से सात घंटे बिजली रह रही है. वहीं चौपारण में 10 से 12 घंटे बिजली मिल रही है.
- अन्य प्रखंडों बड़कागांव, केरेडारी, विष्णुगढ़, बरकट्ठा, कटकमसांडी, सदर, चुरचू आदि में 12 से 14 घंटे बिजली दी जा रही है.
शहरी क्षेत्र में बिजली की स्थिति
- पूर्व में हरणगंज, कोर्रा-लाखे, आनंदपुरी, जुलू पार्क, साकेतपुरी, कृष्णापुरी, बाबूगांव, मटवारी आदि क्षेत्रों में करीब 13-14 घंटे बिजली मिल रही है.
- पश्चिम में ओकनी, न्यू एरिया, बॉडम बाजार, शिवपुरी, लोहसिंगना, पेलावल, शिवदयालनगर आदि में भी लगभग 12-14 घंटे के आसपास बिजली मिल रही है.
- उत्तर में पगमिल, मंडई, सिंदूर, विकासनगर, कनहरी रोड आदि इलाके में भी 13-14 घंटे के करीब बिजली मिल रही है.
- दक्षिण में रामनगर, जगदीश कॉलोनी, विष्णुपुरी, कुम्हारटोली, कदमा आदि इलाके में भी करीब 12-14 घंटे बिजली दी जा रही है.
फुल लोड के बाद भी स्थिति ठीक नहीं, 6 से 7 घंटे हो रही लोड शेडिंग
रामगढ़ राज्य में फुल लोड बिजली मिलने के बाद भी रामगढ़ में बिजली की स्थिति ठीक नहीं है. यहां विभिन्न क्षेत्रों में कटौती के साथ बिजली की आपूर्ति की जा रही है. इस समय औसतन 6 से 7 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है जिससे उपभोक्ता परेशान हैं. गर्मी के इस मौसम में बिजली कटौकी का लोगों की दिनचर्या पर बुरा असर पड़ रहा है. बिजली अधिकारियों की माने तो अधिक बिजली खपत होने के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में प्रोसीडिंग कर बिजली दी जा रही है . अलग-अलग क्षेत्रों में 5 या 6 घंटे तक बिजली काटी जा रही है . बिजली की मौजूदा स्थिति को लेकर उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है.
ग्रामिण क्षेत्र
- चितरपुर बड़कीपोना, छोटकीपोना में 6 से 7 घंटे बिजली काटी जा रही है.
- चितरपुर में 6 से 7 घंटे बिजली कट रही है .
- गोला में 5 से 6 घंटे बिजली कट रही है.
- कुज्जु में 6 घंटे से अधिक बिजली काट रही है .
- सारूबेड़ा में 8 घंटे से अधिक बिजली कट रही है .
- कुज्जु आरा कांटा 4 नंबर में 7 घंटे से अधिक बिजली कट रही है .
- पतरातू प्रखंड के दुर्गी पंचायत में 5 घंटे से अधिक बिजली कट रही है .
- लपंगा में 5 घंटे से अधिक बिजली कट.
शहरी क्षेत्र में 12 से 14 घंटे हो रही बिजली कटौती
घाटशिला प्रखंड के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था हल्की आंधी में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. ग्रामीण क्षेत्र की बात कौन करे, शहरी क्षेत्र में शनिवार की दोपहर से रविवार की दोपहर तक 12 से 14 घंटे की बिजली कटौती हुई. बिजली कटौती से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि घर में लगे इनवर्टर भी जवाब देने लगे हैं. बिजली नहीं रहने से इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो रहे हैं. इस प्रचंड गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. ग्रामीण क्षेत्र में कहीं-कहीं तो 18 से 20 घंटे बिजली कटौती हो रही है. बिजली विभाग के लोग ग्रामीणों की समस्या सुनने को तैयार नहीं हैं. कभी वे कहते हैं कि फॉल्ट के कारण कटौती की गई है, तो कभी कहते हैं लोड शेडिंग है.
मई में बेहिसाब विद्युत कटौती से लोग परेशान हैं : साकेत
फुलडूंगरी कॉलेज रोड निवासी साकेत अग्रवाल ने बताया कि कुछ दिन पहले तक शहरी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई थी. जैसे ही मई का महीना शुरू हुआ विद्युत कटौती शुरू हो गई. पहले तो मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग क्षेत्र में बिजली कटौती सूचना देकर की जाती थी, परंतु अब हालत ऐसी हो गई है कि कितने घंटे विद्युत आपूर्ति होगी पता नहीं. विद्युत कटौती से और गर्मी से लोग बेहाल हैं. व्यवसाय भी सही ढंग से कर पाना मुश्किल हो गया है. 12 से 14 घंटा विद्युत कटौती करना क्षेत्र की जनता के समझ से परे है.
ग्रामीण क्षेत्र में भगवान भरोसे विद्युत व्यवस्था : करुणाकर महतो
जगरनाथपुर गांव निवासी करुणाकरण महतो ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. खासकर गर्मी के दिनों में तो स्थिति खराब रहती ही है. प्रत्येक 2 घंटा के अंतराल पर विद्युत कटौती हो रही है. इसके अलावा भी बीच-बीच में कटौती होती रहती है. विद्युत विभाग के अभियंता को फोन करने पर फोन तक उठाना उचित नहीं समझते हैं और न ही कोई रिप्लाई दिया जाता है.
आंधी से काफी नुकसान हुआ है : आनंद कश्यप
विद्युत विभाग के कनीय अभियंता आनंद कश्यप ने बताया कि 15 मई को आई आंधी पानी के कारण काफी संख्या में बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके बाद 19 और 20 मई को भी आंधी में काफी नुकसान हुआ है. इसके कारण विद्युत कटौती की जा रही है जल्द से जल्द बिजली कटौती में सुधार होगी.
शहरी क्षेत्रों में बिजली कटौती
- कीताडीह – 14 घंटा
- फुलडूंगरी कॉलेज रोड – 14 घंटा
- कसीदा एलआईसी कॉलोनी – 12 घंटा
- पाल कॉलोनी दहीगोड़ा – 12 घंटा
- फुलपाल -14 घंटा
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती
- देवली पुखरिया – 18 से 20 घंटा
- बराजुड़ी – 14 से 16 घंटा
- चेंगजोड़ा – 12 से 14 घंटा
- बनकटी – 14 से 16 घंटा
- जगन्नाथपुर – 14 से 16 घंटा
चाकुलिया
बालीबांध सब स्टेशन से वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत
चाकुलिया में बालीबांध सब स्टेशन को चाकुलिया बाजार क्षेत्र में बिजली व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत है. वैसे चाकुलिया में बिजली 18 से 20 घंटा उपलब्ध रहती है. आंधी आने से यहां की बिजली व्यवस्था बिगड़ जाती है. क्योंकि कई इलाकों में आंधी से बिजली के खंभे टूट जाते हैं. पिछले दिनों आई आंधी से नगर पंचायत समिति ग्रामीण इलाके में बिजली के अनेक खंभे टूट गए थे. इसके कारण दिनों तक कई इलाके में बिजली बाधित थी. बिजली विभाग द्वारा मरम्मत कार्य के बाद बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो गयी.
चाकुलिया के चावल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक कुमार झुनझुनवाला ने बताया कि यहां 18 से 20 घंटा बिजली उपलब्ध रहती है. उन्होंने कहा कि बाजार क्षेत्र में बिजली व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए बालीबांध बिजली सब स्टेशन से वैकल्पिक व्यवस्था रखने की जरूरत है, क्योंकि आंधी और बारिश से बिजली के खंभे टूट जाते हैं और बाजार क्षेत्र में बिजली व्यवस्था बाधित हो जाती है.
बारिश में आपूर्ति सुधारने की जरूरत
फिलहाल चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति ठीक-ठाक है. विशेष परिस्थितियों जैसे आंधी और बारिश के मौसम में बिजली के खंभे टूट जाने की स्थिति में बालीबांध सब स्टेशन से नगर पंचायत क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत यहां के ग्रामीण महसूस कर रहे हैं.
चक्रधरपुर
ग्रामीण क्षेत्रों में खराब पड़े हैं ट्रांसफार्मर, विभाग अपना रहा का टालमटोल का रवैया
चक्रधरपुर प्रखंड की सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में कई बिजली ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं. इसके कारण कई गांव में महीनों से बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है. ग्रामीण इसे लेकर कई बार विभाग को अवगत करा चुके हैं, लेकिन विभाग द्वारा टालमटोल रवैया अपनाए जाने के कारण इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं हल्की आंधी बारिश होने पर ही एक-दो दिन के लिए बिजली काट दी जाती है. चक्रधरपुर की होयोहातु, नलिता, भरनिया,बाइपी,कुलीतोड़ांग, गुलकेड़ा पंचायत के कई गांव जंगल किनारे पहाड़ों के बीच बसे हैं. जंगलों के बीच बसे गांवों में बिजली नहीं रहने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
चार पांच घंटे के लिए काट दी जाती है बिजली : मंगली पूर्ति
चक्रधरपुर की गुलकेड़ा गांव निवासी महिला मंगली पूर्ति ने कहा कि शाम के समय रोजाना चार पांच घंटे के लिए बिजली काट दी जाती है. साथ ही हल्की आंधी तूफान से ही दो-तीन दिनों तक बिजली नहीं रहती है. गर्मी के समय प्रत्येक वर्ष बिजली की आंख मिचौली लगी रहती है. जब विभाग समय पर बिजली बिल जमा लेता है तो बिजली भी सही तरीके से मिलनी चाहिए.
बिजली नहीं रहने पर नहीं मिल पाता है पानी : शांति बोदरा
चक्रधरपुर की भलियाकुदर निवासी शांति बोदरा ने कहा कि बिजली नहीं रहने पर समय पर पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है. जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस भीषण गर्मी में न तो समय पर बिजली मिल पा रही है और न ही समय पर पानी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा. प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में गंभीर होना चाहिए.
मोबाइल चार्ज करने के लिए जाना पड़ता है दूसरे गांव: बुधन सिंह
कुलीतोड़ांग गांव निवासी बुधन सिंह डांगिल ने कहा की हमारे टोला में बिजली ट्रांसफार्मर खराब होने से कई महीनों से बिजली नहीं है. टोला में बिजली नहीं रहने के कारण दूसरे गांव जाकर मोबाइल चार्ज करना पड़ता है. इससे काफी परेशानियां होती है. गांव में लगा छोटा बिजली ट्रांसफार्मर या तो खराब हो जाता है या चोरी कर ली जाती है.
लातेहार
मुहल्लावार हो रही बिजली की आपूर्ति
जिला मुख्यालय में मुहल्लावार बिजली की आपूर्ति की जा रही है. फुल लोड बिजली में कम से कम 26 मेगावाट बिजली जिला मुख्यालय को चाहिए, जबकि लातेहार को 16 से 17 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. शहरी इलाके में बिजली की स्थिति कमोवेश ठीक है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की भारी दिक्कत है. जिला मुख्यालय में 18 से 20 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है. अगर कहीं फॉल्ट हो तो घंटों बिजली नदारद रहती है. रविवार की दोपहर में 2-3 घंटे तक लगातार शहर में बिजली नहीं रही. इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. ग्रामीण क्षेत्रों में भी ओवरलोड के कारण ट्रांसफार्मर में खराबी आने की आशंका बनी रहती है. जिले के चंदवा प्रखंड मुख्यालय में भी 18 से 20 घंटे तक बिजली की आपूर्ति की जा रही है. हालांकि बालूमाथ प्रखंड मुख्यालय में औसतन बिजली आपूर्ति 8 से 10 घंटे हो रही है.
गोड्डा :
निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में विभाग पस्त
गोड्डा शहर में बिजली आपूर्ति निर्बाध हो इसके लिए एबी स्विच की सख्त जरूरत है. इस स्विच की कमी की वजह से किसी एक ट्रांसफार्मर में गड़बड़ी होने से उस क्षेत्र के सभी ट्रांसफार्मर के लाइन बंद करने पड़ते हैं. फ्यूज बनाने में भी कई ट्रांसफार्मर के लाइन बंद करने पड़ते है. नियमित मिस्त्री नहीं रहने से विभाग का सारा काम ठेके के मजदूर ही करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है. मामूली फेज बनवाने के लिए भी मिस्त्री को मनमानी रकम देनी होती है. बाहरी मिस्त्री विभाग के नाम पर मोटी कमाई कर लेते हैं. मैनपावर कम रहने की वजह से सर्वाधिक दिक्कतें ग्रामीण क्षेत्रों में होती हैं. ग्रामीण क्षेत्र के फीडर में कई-कई दिन तक बिजली बंद रहती है. पिछले दिनों सुंदरपहाड़ी फीडर में आंधी तूफान आने की वजह से तीन दिन तक विधुत आपूर्ति ठप्प रही थी. संसाधन की जबरदस्त कमी झेल रहे विभाग के पास व्यवस्था को सुधारने के लिए तत्काल पोल, बिजली तार के अलावा अन्य सामानो की जरूरत है. विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश मिश्रा बताते है कि कई कार्य किए जाने है, इसके लिए विभागीय वरीय पदाधिकारी को लिखा गया है जल्दी ही सारे संसाधन उपलब्ध हो जायेंगे.
साहिबगंज :
लो वोल्टेज से परेशानी
जिले में लो बोल्टेज के कारण उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति में 6 से 8 घंटों की कटौती की जा रही है. तकनीकी खराबी आने पर मेंटेनेंस के नाम पर अलग से कटौती की जाती है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने बताया कि शहर में फीडर 1,2 व 3 में बिजली की आपूर्ति 20 घंटे दी जा रही है. फ्यूज उड़ जाने से लगभग दो घंटे आपूर्ति बंद रखनी पड़ती है. विभाग ने फ्यूज ठीक करने के लिए समय सीमा तय किया है. फ्यूज ठीक करने का समय सुबह 9 से 10 और शाम में 4 से 5 बजे रखा गया है. जिला चैंबर अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि शहर में विद्युत आपूर्ति अभी ठीक नहीं है. प्रतिदिन बिजली की आंख मिचौली होती रहती है. सभी वार्ड में वोल्टेज की कमी रहती है. चैंबर सदस्यों ने विभाग के पदाधिकारियों से मिलकर कुछ इलाकों में ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही थी, जो अभी तक नहीं लगी है. वोल्टेज लो रहने से पंखें और पानी के मोटर ठीक से नहीं चल रहे हैं.
आदित्यपुर :
डिमांड 525 मेगावाट बिजली की, मिल रही 450 मेगावाट
जमशेदपुर एरिया बोर्ड के आदित्यपुर में भीषण गर्मी में रात 10 बजे से रात 2 बजे के बीच लोड शेडिंग की जा रही है. इस संबंध में एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक श्रवण कुमार कहते हैं कि आदित्यपुर में डिमांड 125 मेगावाट की है, लेकिन उन्हें 60 से 70 मेगावाट बिजली मिल रही है. ऐसे में पिकआवर में लोड शेडिंग करना उनकी मजबूरी है. चूंकि हमें ऊपर से ही पावर कट का इंस्ट्रक्शन रहता है. ऐसे में हमें रात 10 बजे से रात 2 बजे के बीच हर फीडर में अधिकतम 2 घंटे बिजली की लोड शेडिंग करनी पड़ रही है . मालूम हो कि इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है.
कहां कितनी बिजली कटौती
- आदित्यपुर 1 : रात 11 बजे से रात दो बजे तक
- आदित्यपुर 2 : रात 10 बजे से रात 12 बजे तक
क्या कहते हैं विद्युत जीएम
एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक (जीएम) श्रवण कुमार क कहना है कि आदित्यपुर में डिमांड 125 मेगावाट की है, लेकिन उन्हें 60-70 मेगावाट बिजली मिल रही है. ऐसे में पीक आवर में लोड शेडिंग उनकी मजबूरी है. चूंकि हमें ऊपर से ही पावर कट का इंस्ट्रक्शन रहता है. ऐसे में हमें रात 10 से 2 बजे के बीच हर फीडर में अधिकतम 2 घंटे बिजली की लोड शेडिंग करनी पड़ रही है.
रतजगा करना पड़ रहा है : पितोवास प्रधान
आसंगी निवासी पितोवास प्रधान ने कहा कि रात में बिजली कटने से रतजगा करना पड़ रहा है. जिनके घर में वैकल्पिक व्यवस्था है उनके लिए दिक्कत थोड़ी कम है, लेकिन जो पूरी तरह जेबीवीएनएल पर निर्भर हैं, उन्हें रतजगा करना पड़ रहा है. मजदूर वर्ग के लोगों को सुबह 6 बजे ड्यूटी जाना होता है, वे रातभर सो नहीं पाते हैं. इससे उन्हें परेशानी हो रही है.
कॉलोनी में सभी सक्षम नहीं : पितेश्वर द्विवेदी
आदित्यपुर कॉलोनी निवासी पितेश्वर द्विवेदी कहते हैं कि आदित्यपुर कॉलोनी में सभी सक्षम लोग नहीं रहते हैं. 80 फीसदी लोग मेहनत-मजदूरी करने वाले हैं. वे रात में लाइन कटने पर परेशान हो जाते हैं. ऐसे में बिजली विभाग को रात में लोड शेडिंग नहीं करनी चाहिए. बिजली विभाग को लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए रात के वक्त पूरी बिजली देनी चाहिए, ताकि मेहनतकश लोग चैन की नींद सो सकें.
पेयजल विभाग ने जेबीवीएनएल से कहा- बिजली दीजिए, नहीं तो कैसे देंगे पानी
रांची। बिजली समस्या के कारण न केवल आम जनता परेशान है, बल्कि सरकारी विभाग भी परेशान है. पेयजल विभाग के इंजीनियर ने लो-वोल्टेज की समस्या की शिकायत रांची सर्किल जेबीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता से की है. पेयजल विभाग यांत्रिक प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता प्रदीप भगत ने जेबीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता को पत्र लिख कर लो-वोल्टेज से हो रही परेशानी बतायी है.
वाटर सप्लाई में हो रही दिक्कत
भगत ने अपने पत्र में कहा है कि एक महीने से रूक्का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और बूटी जलाशय केंद्र में लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है. इसके कारण रांची वासियों को वाटर सप्लाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार जेबीवीएनएल से संपर्क स्थापित कर लो वोल्टेज समस्या का समाधान के लिए अनुरोध किया जा रहा है. मगर जेबीवीएनएल के अफसरों के द्वारा कहा जा रहा है कि संबंधित फीडर से 33 केवीए के बदले 31.5 केवीए ही सप्लाई मिल रहा है. इसके कारण एचटी मोटर पंप को ऑपरेट करने के लिए पर्याप्त वोल्टेज 11 केवी के बदलूे 9.95 किमी एवं 10.10 केवीए वोल्टेज ही उपलब्ध हो रहा है. फूल लेंथ के साथ और आवश्यकतानुार पंप-मोटर का परिचालन संभव नहीं हो रहा है. इसके उनलोगों को विभागीय अफसरों एवं रांची की जनता का कोपभाजन बनना पड़ रहा है.
33 केवीए बिजली की मांग : भगत ने रांची एसई से पेयजल समस्या को देखते हुए अविलंब वैकल्पिक व्यवस्था के तहत किसी एक फीडर को व्यवस्था बनाकर रूक्का एवं बूटी जलापूर्ति केंद्र को 33 केवी बिजली की समप्लाई सुनिश्चित की जाए. ताकि शहर वासियों को नियमित वाटर सप्लाई की जाए.
धनबाद
कोडरमा थर्मल प्लांट में उत्पादन गिरा
धनबाद जिला के लोग पावर कट से परेशान हैं. दिन हो या रात, लगभग हर घंटे बिजली कटती है और भीषण गर्मी में यह असहनीय हो जाती है. इससे आम लोग, कारोबारी, कार्यालयों और दुकानदारों के काम पर असर पड़ रहा है. जेबीबीएनएल के अधिकारी प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति में सुधार का आश्वासन दे रहे हैं. लेकिन फॉल्ट को पता लगाने से लेकर ठीक करने में अपर्याप्त मैनडेज कर्मियों को हांफना पड़ रहा है. 22 मई को डीवीसी ने 2:15 से 3:45 तक लोडशेडिंग की गई. धैया इलाके में 21 मई की रात 12 बजे से सुबह आठ बजे तक बिजली कटी रही. झरिया में एक बार में लगभग 8 घंटे बिजली गुल रही.
शहरी क्षेत्र में
- पीएमसीएच सरायढेला – 15-16 घंटा
- गोधर – 14-15 घंटा
- झरिया – 13-15 घंटा
- सिंदरी – 14-15 घंटा
- मैथन – 16-17 घंटा
- निरसा – 12-13 घंटा
- केलियासोल – 18-19 घंटा
- बरवाअड्डा (गोविंदपुर) – 18-19 घंटा
प्लांट में खराबी के कारण उत्पादन घटा
गोविंदपुर कार्यपालक अभियंता मुकुल कुमार कहते हैं कि डीवीसी ने 22 मई को डेढ़ घंटे की लोड शेडिंग की है. 21 मई को भी दो बार लोड शेडिंग की गई थी. अधिकारियों का कहना है कि कोडरमा थर्मल प्लांट में खराबी के कारण उत्पादन घट गया है. मरम्मत होने तक लोड शेडिंग जारी रहेगी.
जामताड़ा कम आपूर्ति के कारण हो रही परेशानी
जामताड़ा जिले में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए लगभग 50 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. इस भीषण गर्मी में बीती रात 12 बजे से सुबह छह बजे तक एसएलडीसी की ओर से जामताड़ा ग्रिड को 20 मेगावाट बिजली मिली. इस कारण बिजली की लोड शेडिंग जारी रही. ग्रामीण इलाकों में महज 10-12 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है. विभाग के सहायक अभियंता विशाल शंकर ने बताया कि पिछले दिनों आंधी-पानी के कारण 80 स्थानों पर बिजली के खंभे गिर गए थे. वहीं वज्रपात के कारण तीन ट्रांसफॉर्मर जल गए हैं. इस कारण पिछले दो-तीन दिनों से ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति में परेशानी हो रही थी. हालांकि इसे रिस्टोर कर लिया गया है.