Nitesh Ojha
Ranchi : सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन की सरकार अपने एक और चुनावी वादा ‘पुरानी पेंशन स्कीम’ को लागू करने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके लिए 15 अगस्त की तिथि तय कर दी है. योजना लागू करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी बनायी गयी है. हालांकि योजना को धरातल पर उतरने से पहले मुख्य सचिव ने कुछ आपत्ति भी जतायी है. इसी आपत्ति को आधार बनाकर भाजपा नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया में योजना को लेकर बयान क्या दिये, वे खुद ट्रोल हो गये. लोग अब बाबूलाल को ही याद दिलाते हुए पूछ रहे हैं कि ‘पुरानी पेंशन योजना लाने का चुनावी वादा तो झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) का भी था. महाधिवक्ता का सुझाव शायद सतही हो, परंतु आपका घोषणापत्र तो सतही नहीं था न’.
बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर पर लिखा था
बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर पर लिखा – “झूठी प्रसिद्धि बटोरने और लोगों को झूठा सपना दिखाने की हड़बड़ी में झारखंड सरकार आनन – फानन में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का ढोल पीट रही है. जबकि सरकार को खुद नहीं पता कि ये पैसे कहां से आएंगे? मुख्य सचिव ने खुद इस पर सवाल खड़े किए थे. वित्त विभाग का प्रस्ताव ही अस्पष्ट है. महाधिवक्ता की राय सतही है, जिसमें कई तकनीकी पेंच हैं. अभी एसओपी नहीं बनी, उस पर कैबिनेट की मुहर नहीं लगी है. लेकिन राज्य सरकार झूठ की दुकान चलाकर एक बार फिर हवा-हवाई बातें कर रही है ”.
बाबूलाल ने किया था ट्वीट –
झूठी प्रसिद्धि बटोरने और लोगों को झूठा सपना दिखाने की हड़बड़ी में झारखंड सरकार आनन-फानन में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का ढोल पीट रही है, जबकि सरकार को खुद नहीं पता कि ये पैसे कहाँ से आएंगे?
मुख्य सचिव ने खुद इसपर सवाल खड़े किए थे, वित्त विभाग के प्रस्ताव ही अस्पष्ट है।— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 26, 2022
झूठी प्रसिद्धि बटोरने और लोगों को झूठा सपना दिखाने की हड़बड़ी में झारखंड सरकार आनन-फानन में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का ढोल पीट रही है, जबकि सरकार को खुद नहीं पता कि ये पैसे कहाँ से आएंगे?
मुख्य सचिव ने खुद इसपर सवाल खड़े किए थे, वित्त विभाग के प्रस्ताव ही अस्पष्ट है।— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 26, 2022
सवाल उठाने पर भाजपा नेता खुद हो गए ट्रोल
”पुरानी पेंशन योजना” की मांग को लेकर आंदोलनरत संगठन ”एनएमओपीएस झारखंड” ने ट्विटर पर लिखा, “हम तो अब आपको कुछ नहीं कहेंगे.अब आप ही रास्ता निकाल दिजिये, आखिर वादा तो आपका भी था. महाधिवक्ता का सुझाव शायद सतही हो परंतु आपका घोषणापत्र तो सतही नहीं था न.
चिराग जायसवाल ने लिखा, इस नेक कार्य के लिए सरकार का सपोर्ट कीजिए, लेकिन आप तो हतोत्साहित करने में लगे हैं. ऐसा करके आप अपनी छवि को सिर्फ खराब ही कर रहे. समय है, खुद का विचारधारा बनाइए.
सचिन झा शेखर ने लिखा, भाजपा ने योजना को हटाया था, जेएमएम ने लागू कर दिया. इस फैसले का विरोध कर के अपने आप को हास्यास्पद नहीं बनाइये. अच्छे फैसलों का स्वागत करिए सर.
आप को पेट मे क्यों दर्द हो रहा है सर….आपने भी तो पुरानी पेंशन का वायदा किया था।पार्टी बदली तो तो वाणी भी बदल गयी।तंज कसने के बदले कुछ सुझाव पेश किजये।ताकि रास्ता सुगम हो कर्मचारी आपके भी ऋणी रहेंगे🙏🙏🙏🙏
— Uday Mahto (@UdayMah51307068) July 26, 2022
उदय महतो ने लिखा, आपको पेट में क्यों दर्द हो रहा है सर.. आपने भी तो पुरानी पेंशन का वायदा किया था. पार्टी बदली तो वाणी भी बदल गयी. तंज कसने के बदले कुछ सुझाव पेश कीजिए, ताकि रास्ता सुगम हो, कर्मचारी आपके भी ऋणी रहें.
भाजपा नेता पुरानी पेंशन योजना लाने का विरोधी है : तनुज खत्री
जेएमएम प्रवक्ता तनुज खत्री ने कहा, भाजपा नेता के इस कार्यशैली से साफ है कि वे पुरानी पेंशन योजना लाने का विरोधी है. झारखंड के सरकारी कर्मचारी, जो पिछले कई सालों से इसकी मांग कर रहे हैं, वो उन्हें न मिले न ही वे खुशहाली जीवन जी सके.
जीएसटी और नोटबंदी लाकर लोगों को मारने का काम भाजपा ने की थी : डॉ एम तौसीफ
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ एम. तौसीफ ने कहा, बाबूलाल जी पहले क्या बोले और अब क्या बोले, उन्हें याद नहीं रहता है. भाजपा में जाने के बाद उनकी याददाश्त खो गयी है. जहां तक पुरानी पेंशन योजना की तैयारी की बात है, तो कांग्रेस – झामुमो गठबंधन सरकार भाजपा की तरह काम नहीं करती है. जीएसटी और नोटबंदी लाकर लोगों को मारने का काम भाजपा करती है. गठबंधन सरकार पूरी तैयारी के साथ हर वर्ग के लोगों के हित के लिए काम कर रही है,
मुख्य सचिव की आपत्ति को बाबूलाल ने बनाया आधार
दरअसल बाबूलाल ने उस आपत्ति को आधार बनाया है, जिसे मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने उठाया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य सचिव ने कहा है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव में अस्पष्टता है. साथ ही पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के पास राज्य और कर्मचारियों के अंशदान का 17,930 करोड़ रुपए जमा है. यह राशि राज्य सरकार और कर्मचारी को वापस मिलेगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है.
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