डिजिटल ट्रांजैक्शन वित्त वर्ष 2020 में 66.4 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़कर 40.1 अरब पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2015 में 3.1 अरब था.
NewDelhi : कोरोनावायस महामारी की दूसरी लहर के कारण देश के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन की स्थिति है. इसी बीच जानकारी सामने आयी है कि इस समय देश में जीडीपी के छठे हिस्से के बराबर नकदी सर्कुलेशन में है. यह एक दशक में सर्वाधिक है.
लॉकडाउन की स्थिति में लोगों की आवाजाही काफी हद तक बंद है. फिर भी देश में कैश सर्कुलेशन चरम पर है. इसकी वजह यह बतायी जा रही है कि लोगों ने मेडिकल एमरजेंसी के लिए घरों में नकदी जमा कर रखी है.
कैश इन सर्कुलेशन भी चरम पर पहुंच गया
याद करें कि देश में 2016 के अंत (नवंबर) में नोटबंदी की गयी थी. उसके बाद से डिजिटल पेमेंट्स में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ताज्जुब की बात है कि इसके बावजूद कैश इन सर्कुलेशन भी चरम पर पहुंच गया है. इस संबंध में कैश डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी सीएमएस में कैश मैनेजमेंट बिजनस के प्रेजिडेंट अनुष राघवन का कहना है कि डिजिटल पेमेंट्स के उलट कैश की दोहरी भूमिका है.
यह स्टोर ऑफ वैल्यू के साथ-साथ भुगतान के काम भी आता है. संकट के इस दौर में दुनियाभर में कैश इन सर्कुलेशन बढ़ा है. इसकी वजह यह है कि लोग लिक्विडिटी और सिक्योरिटी चाहते हैं. लॉकडाउन और सीमित आवाजाही के कारण cash velocity में कमी आयी है जिससे कैश इनवेंट्री में तेजी दर्ज की गयी है.
नोटबंदी के बाद लगातार तेजी आयी
वित्त वर्ष 2016 में करेंसी इन सर्कुलेशन जीडीपी के 12 फीसदी के बराबर थी जो नोटबंदी के बाद वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी के 8 फीसदी के बराबर आ गयी थी. लेकिन इसके बाद से इसमें लगातार तेजी दर्ज की जा रही है आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च 2021 के अंत तक करेंसी इन सर्कुलेशन 28.6 लाख करोड़ पहुंच गयी थी, जो जीडीपी का 17 फीसदी है. पिछले वित्त वर्ष के अंत में यह जीडीपी का 14 फीसदी था.
7 मई तक कैश इन सर्कुलेशन बढ़कर 29.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस बीच डिजिटल ट्रांजैक्शन वित्त वर्ष 2020 में 66.4 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़कर 40.1 अरब पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2015 में 3.1 अरब था. जनवरी 2021 में देश में एवरेज डेली डिजिटल ट्रांजैक्शन 14.26 करोड़ था जो 2015 में 86 लाख था.
https://lagatar.in/rahul-gandhi-said-on-corona-crisis-pm-with-vaccine-disappeared/63842/