Ranchi : झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा सवालों का उत्तर नहीं मिलने की वजह से लंबित सूची में इजाफा हुआ है. यह आंकड़े बताते हैं कि विधायिका की बातों को कार्यपालिका तरजीह नहीं दे रही है.
शून्य काल में लंबित सवाल
पिछले बजट सत्र के दौरान शून्य काल में 391 सवाल आए, लेकिन विगत चार महीने में मात्र 31 सवालों का उत्तर प्राप्त हुआ है. इस तरह से 360 प्रश्न शून्य काल में लंबित हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि सरकार के विभाग सवालों का जवाब देने में कितने लापरवाह हैं.
आश्वासन समिति के जरिए आए आश्वासन
आश्वासन समिति के जरिए 1371 आश्वासन आए, लेकिन सभी आश्वासन लंबित पड़े हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि सरकार अपने आश्वासनों को पूरा करने में कितनी गंभीर है.
निवेदन के जरिए आए सवाल
निवेदन के जरिए आए सवालों की बात करें तो पिछले सत्र में कुल 135 सवाल आए थे, जिसमें से 9 के उत्तर प्राप्त हुए हैं और 126 आज भी लंबित पड़े हुए हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि सरकार के विभाग निवेदन के जरिए आए सवालों का जवाब देने में कितने धीमे हैं.
ध्यानाकर्षण के जरिए आए सवाल
ध्यानाकर्षण के जरिए आए 5 सवालों का जवाब आज तक विधानसभा सचिवालय को नहीं प्राप्त हुए हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि सरकार के विभाग ध्यानाकर्षण के जरिए आए सवालों का जवाब देने में कितने असफल हैं.
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